नई दिल्ली: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के अगले सप्ताह समाप्त होने के साथ ही पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने शुरू हो सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो चुकी है. इससे तेल कंपनियों को सामान्य मार्जिन हासिल करने को लेकर पेट्रोल-डीजल के दाम में नौ रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी करने की जरूरत है. रूस से तेल की आपूर्ति में व्यवधान की आशंका से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का दाम 2014 के बाद पहली बार 110 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गए.
पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के मुताबिक, भारत जो कच्चा तेल खरीदता है उसके दाम एक मार्च को 102 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गए. ईंधन का यह मूल्य अगस्त 2014 के बाद सबसे ज्यादा हैं. पिछले साल नवंबर की शुरुआत में जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि पर लगाम लगी थी, तब कच्चे तेल की औसत कीमत 81.5 डॉलर प्रति बैरल थी. ब्रोकरेज कंपनी जे.पी. मॉर्गन ने एक रिपोर्ट में कहा, 'अगले हफ्ते तक राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्त हो जाएंगे. अनुमान है कि इसके बाद ईंधन की दरें दैनिक आधार पर बढ़ सकती हैं.'