नई दिल्ली :पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा एक वार्षिक उत्सव है और इस बार यह 12 जुलाई को होनी है. याचिका में कहा गया कि ओडिशा सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 10 जून को एक आदेश पारित किया जिसके तहत रथ यात्रा को शीर्ष अदालत द्वारा पिछले साल पारित आदेश में तय शर्तों के मुताबिक निकालने की अनुमति दी गई है.
सरकारी आदेश में कहा गया कि इस साल 12 जुलाई को सिर्फ पुरी में रथयात्रा आयोजित होगी और राज्य के अन्य मंदिर अपने-अपने परिसर में इसका आयोजन कर सकते हैं. गैरसरकारी संगठन विश्वो गौ सुरक्षा वाहिनी और धर्म रक्षा सेना ने अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के जरिये दायर याचिका में कहा कि रथ यात्रा का अनुष्ठान राज्य भर के मंदिरों में परंपरागत तरीके से सदियों से आयोजित किया जा रहा है.
ओडिशा सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम काेर्ट में याचिका - Rath Yatra News Updates
ओडिशा सरकार के कोविड के कारण रथ यात्राओं को मंदिर तक ही सीमित रखने के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है. बता दें कि दायर याचिकाओं को खारिज करने के उड़ीसा उच्च न्यायालय (Orissa High Court) के फैसले के खिलाफ यह अपील की गई है. याचिका में कहा गया है कि धार्मिक रिवाज पर पूर्ण प्रतिबंध धर्म के अधिकार के खिलाफ है.
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याचिकाकर्ता ने कहा कि उड़ीसा उच्च न्यायालय का 23 जून का आदेश इस बात की तस्दीक करने में नाकाम रहा है कि रथयात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 की तहत नागरिकों को दी गई धर्म के अधिकार की गारंटी के खिलाफ है.
(पीटीआई-भाषा)