जब भी पालतू जानवरों को खरीदने की बात होती है तो अधिकांश लोग कुत्ता या बिल्ली को प्राथमिकता देते हैं. लेकिन छोटे-छोटे खरगोशों को भी पालना आजकल का ट्रेंड का बन रहा है. ज्यादातर ऐसे लोग जिनके घरों में छोटे बच्चे हैं खरगोश पालना पसंद करते हैं.
यूं तो खरगोश देखने में बहुत छोटे होते हैं लेकिन घर में रहने वाले खरगोशों को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि उनकी प्रकृति स्वच्छंद यानी उन्हे खुले में स्वतंत्र रूप से रहने की होती है. इसलिए यदि खरगोश को घर में पालना है तो उन्हें अन्य पालतू जानवरों के मुकाबले ज्यादा ध्यान देने की जरूरत पड़ती है.
चूंकि खरगोश प्रकृति से बहुत चंचल होते हैं इसलिए उन्हें पालने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है, जैसे उनके रहने का स्थान कैसा होना चाहिए, उनके लिए कौन सा आहार सही है, उन्हें कितने अंतराल पर नहलाना चाहिए तथा उन्हे किस प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं व उनसे उन्हे कैसे बचाया जा सकता है.
वैक्सीनेशन जरूरी
आगरा के पशु चिकित्सक डॉ राजीव अग्रवाल बताते हैं कि आमतौर पर एक खरगोश 8 से 12 वर्ष तक जीवित रहता है. यदि कोई भी व्यक्ति शिशु खरगोश को पालना शुरू करता है तो बहुत जरूरी है कि उसका वैक्सीनेशन अवश्य करवाए. विशेष तौर पर उन्हें मैक्सेमेटोसिस बीमारी से बचाव के लिए टीका लगाना बहुत जरूरी होता है.
साफ सफाई जरूरी
यूं तो खरगोश स्वयं अपनी सफाई कर लेते हैं लेकिन पालतू खरगोश घर में मनुष्यों विशेषकर बच्चों के साथ रहते हैं इसलिए किसी भी प्रकार के संक्रमण या समस्या से बचाने के लिए उनकी नियमित साफ-सफाई जरूरी है. चूंकि खरगोश के शरीर पर बाल ज्यादा होते हैं इसलिए नियमित तौर पर उसके बालों में ब्रश करना जरूरी होता है . पालतू खरगोशों को नियमित अंतराल पर नहलाना भी जरूरी होता है. खरगोश के दांत बहुत तीखे होते हैं, जिसके चलते वह किसी भी चीज को कुतर या काट सकते हैं. ऐसे में उन्हे खेलने के लिए ऐसे खिलौने या उत्पाद देने चाहिए, जिनको वह चबा सके और जो उन्हें नुकसान भी ना पहुंचाएं. पेट शॉप पर आजकल ऐसे बहुत से उत्पाद मिलते हैं जो उनकी दांतो की खुजली को शांत करने में मदद कर सकते हैं.
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