हुबली (कर्नाटक): प्रदेश (Karnataka) में एक बार फिर परसेंटेज इश्यू (Percentage Issue) का शोर शुरू हो गया है. ठेकेदार संतोष ने पहले प्रतिशत के कारण आत्महत्या कर ली थी. अब एक अन्य ठेकेदार (Contractor) ने दया मृत्यु के लिए आवेदन किया है और राज्य सरकार के व्यवहार ने तीखी बहस को जन्म दे दिया है. एक खत्म होते ही राज्य सरकार को एक और कांटा लगना शुरू हो गया है. ठेकेदार संतोष की आत्महत्या के मामले में केएस ईश्वरप्पा को मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा.
अब एक अन्य ठेकेदार अधिकारियों की प्रतिशत मांग से तंग आकर इच्छामृत्यु की अपील कर चुका है. हुबली स्थित बसवराज वह ठेकेदार है, जिसने इच्छामृत्यु के लिए आवेदन किया था. देखा जाए तो उसने कोई ठेका का काम नहीं किया है. इसके बजाय उसने कोविड की आपात स्थिति के दौरान ग्राम पंचायतों को कोविड उपकरण की आपूर्ति करने का काम किया. उसने कानून के अनुसार सभी प्रक्रियाएं पूरी की थीं और उपकरणों की आपूर्ति की थी.
सामग्री की आपूर्ति किए दो साल बीत जाने के बावजूद बिल का भुगतान नहीं किया गया है. जानकारी के अनुसार हुबली के निवासी ठेकेदार बसवराज ने चिकमगलूर जिले के कदुर और मुदिगेरे तालुकों में ग्राम पंचायतों को कोविड उपकरण की आपूर्ति की थी. कुल 69 पंचायतों को उपकरण दिए गए. 2020-21 में, केंद्र और राज्य सरकारों के आदेश पत्र के अनुसार, उसने मुदिगेरे तालुक को 27 लाख और कदुर तालुक को 85 लाख रुपये के उपकरण की आपूर्ति की थी.