इंफाल : जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में एक महीने से अधिक समय से स्थिति अस्थिर बनी हुई है. घाटी स्थित नागरिक समाज संगठनों के एक शीर्ष निकाय, मणिपुर इंटीग्रिटी समन्वय समिति (COCOMI) ने चिन-कुकी नार्को आतंकवादियों के खिलाफ राष्ट्रीय युद्ध की घोषणा की है. बुधवार को एक दिवसीय सम्मेलन में यह फैसला लिया गया. कन्वेंशन के मॉडरेटर आरके निमाई और समन्वयक जीतेंद्र निंगोंबा ने एक संयुक्त घोषणा में कहा कि भारत सरकार को चिन-कुकी नार्को-आतंकवादियों और मेइती लोगों के बीच मौजूदा संघर्ष की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
सम्मेलन के बाद जारी बयान में कहा गया कि समिति स्वदेशी समुदायों के सभी भाइयों से अपील करता है दुश्मन को हराने के लिए सामूहिक युद्ध छेड़ने में अपना हाथ बटाएं. बयान में यह भी कहा गया कि एक 'सार्वजनिक आपातकाल' लागू है, जिसके कारण चिकित्सा आपातकाल, धर्म और अंतिम संस्कार से संबंधित आवश्यक मामलों को छोड़कर किसी भी सार्वजनिक मनोरंजन गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक रहेगी.
सरकार से और हथियार देने की मांग
समिति के बयान में यह भी कहा गया कि जबतक हमारी मातृभूमि मणिपुर की मिट्टी से नार्को-आतंकवादियों और संबंधित बाहरी हमलावरों का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता और शांति बहाल नहीं हो जाती, तब तक हम हथियार नहीं डालेंगे. बयान में कहा गया कि वर्तमान समय हथियारों को हमसे दूर करने का नहीं है बल्कि हमें और अधिक हथियार दिए जाने के लिए है.