भागलपुर :बिहार के भागलपुर ( Bhagalpur ) जिले के एक गांव में डायरिया ( Diarrhea ) का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. यहां एक ही घर में तीन बच्चों की डायरिया से मौत हो गई. वहीं, अभी भी कई घरों में बच्च इस बीमारी से पीड़ित हैं. लेकिन यहां लोग इलाज ( Treatment ) के बजाए आस्था पर विश्वास कर रहे हैं और बीमारी को दैवीय आपदा मानकर पूजा पाठ शुरू कर दिया हैं.
'देवी पूजन से डायरिया होगा खत्म'
ईटीवी भारत ने खबर की पड़ताल की तो पूरा खेल अंधविश्वास ( Superstition ) से जुड़ा मिला. यहां गांव में ढोल और बाजे के साथ देवी गीत गाकर देवी की पूजा की जा रही है. इसके पीछे यहां के लोग तर्क दे रहे हैं कि देवी की पूजा से डायरिया बीमारी से निजात मिलेगी. यहां लोग चावल, चावल के बने लड्डू, धूप, अगरबत्ती, पान और सुपारी से शिव पूजा-पाठ कर रहे हैं.
लोगों का मानना है कि पूजा-पाठ करने से देवी खुश हो जाएंगी और वह प्रार्थना स्वीकार कर डायरिया से गांव को मुक्ति दिला देंगी. कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इस पूजा-पाठ से भविष्य में होने वाली बीमारी से भी बचेंगे. पूजा पाठ से गांव में सुख समृद्धि आएगी. इसलिए पूजा की जा रही है.
2 दिन पहले 3 बच्चो की मौत
मामला भागलपुर के सनहौला प्रखंड के अरार पंचायत के भंडारीडीह महादलित टोला का है. यहां बीते 2 दिन पहले एक ही घर में 3 बच्चे की मौत होने के बाद इलाके में दहशत फैल गया. सरकारी तंत्र और स्वास्थ्य व्यवस्था विफल होने के बाद यहां के लोगों ने आस्था पर विश्वास किया. जिसको लेकर पूजा-पाठ शुरू कर दिया है. लोगों को विश्वास है कि उन्हें बीमारी से सरकारी तंत्र नहीं, देवी पूजा ही बचा सकती है. यहां के लोग एक तांत्रिक के कहने पर पूजा-पाठ शुरू किया है.