पणजी: गोवा में दो नाबालिगों से सामूहिक दुष्कर्म मामले के बाद देश के सबसे मशहूर पर्यटन स्थल में महिलाओं की सुरक्षा सवालों के घेरे में है. मसला सुरक्षा से जुड़ा है, तो सवाल सरकार पर ही उठेंगे लेकिन गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत ने इस मामले के बाद जो बयान दिया उसने जनता के चुने नुमाइंदों को भी सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है. दरअसल दो नाबालिग लड़कियों से गोवा में देर रात दरिंदगी हुई, जब इस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने उल्टा लड़कियों और उनके परिजनों पर ही सवाल उठा दिया.
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने क्या कहा था ?
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि लड़कियां इतनी देर तक बाहर क्यों थी और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना माता-पिता की जिम्मेदारी है. राज्य के मुख्यमंत्री के इस बयान की हर ओर निंदा हो रही है, सामाजिक संस्थाओं से लेकर सियासी दल और सोशल मीडिया तक पर गोवा की कानून व्यवस्था और गोवा के मुख्यमंत्री सवालों में हैं.
गोवा में कानून व्यवस्था पर सियासतदान, महिलाएं और पर्यटक उठा रहे हैं सवाल मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गोवा विधानसभा में भी इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि अगर लड़कियां रात को बीच पर टहल रहीं थी तो उनके माता-पिता को आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है.
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विरोधियों ने उठाए सवाल, सीएम का मांगा इस्तीफा
गोवा की कानून व्यवस्था और फिर मुख्यमंत्री के बयान पर विरोधियों ने निशाना साधना शुरू कर दिया. कांग्रेस प्रवक्ता एल्टन डीकोस्टा ने कहा कि हमें बाहर जाने से क्यों डरना चाहिए ?, गोवा की कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है. अपराधियों को जेल में होना चाहिए ताकि कानून को मानने वाले लोग बेझिझक बाहर घूम सकें.
गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विधायक विजय सरदेसाई ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान पक्षपातपूर्ण है. नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस और राज्य सरकार की है. अगर वो हमारी सुरक्षा नहीं कर सकते तो मुख्यमंत्री को कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं है.
सीएम प्रमोद सावंत ने कहा कि हम सीधा पुलिस को दोष देते हैं. 10 युवतियां बीच पार्टी में जाती हैं, उनमें से 4 रातभर समुद्र के किनारे रुकती हैं और 6 युवतियां घर लौट आती हैं. दो लड़के और एक लड़की रात भर समुद्र किनारे रहे. बच्चों को समुद्र किनारे इतना लंबा वक्त नहीं बिताना चाहिए. सावंत ने विधानसभा में बताया कि मामले के चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
सवालों में गोवा के मुख्यमंत्री और प्रदेश की कानून व्यवस्था
गोवा के बेनॉलिम बीच पर दो नाबालिग लड़कियों से गैंगरेप और फिर मुख्यमंत्री के बयान का हर तरफ विरोध हो रहा है. गोवा महिला कांग्रेस ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास के सामने प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की.
गोवा महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बीना नाइक ने कहा कि गोवा शांतिप्रिय प्रदेश है लेकिन राज्य में जबसे बीजेपी की सरकार बनी है तबसे गोवा में भय का माहौल है. राज्य में अपराधी बेखौफ हैं महिलाओं के खिलाफ अपराध से लेकर कत्ल जैसे अपराध हो रहे हैं.
आम आदमी पार्टी की नेता अनुराधा गावड़े के मुताबिक गोवा में एक हफ्ते में महिलाओं के खिलाफ अपराध के औसतन 4 मामले सामने आ रहे हैं. सवाल है कि क्या गोवा में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून है ? क्या गोवा में महिलाएं सुरक्षित हैं ?
गोवा की कामकाजी महिलाओं ने उठाए सवाल
गोवा की कानून व्यवस्था और मुख्यमंत्री के बयान को लेकर कामकाजी महिलाओं ने भी सवाल उठाए हैं. गोवा की प्रतिभा बोरकर ने मुख्यमंत्री के बयान की निंदा करते हुए कहा कि सभी के साथ अपराधियों में भी कानून का डर होना चाहिए और गृह मंत्री के नाते गोवा में कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की है. ये उनकी नैतिक जिम्मेदारी है.
गोवा की नौकरी पेशा महिलाएं अपनी सुरक्षा को लेकर सवाल पूछ रही हैं. प्रिया राठौड़ भी मुख्यमंत्री के बयान को गलत बताते हुए कहती हैं कि आज के दौर में महिलाएं कुछ भी पहन सकती हैं और कहीं भी घूम सकती है, कई महिलाएं आज नौकरी या किसी पेशे से जुड़ी हैं जिसके लिए उन्हें घर से बाहर निकलना पड़ता है. इन महिलाओं की सुरक्षा कौन करेगा ? कानून-व्यवस्था का डर अपराधियों में होना चाहिए ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराध ना हो.
क्या कहते हैं गोवा पहुंचने वाले पर्यटक ?
गोवा देश के सबसे बड़े पर्यटन स्थलों में शुमार हैं. यहां देश ही नहीं विदेशों से भी सबसे ज्यादा पर्यटक हर साल पहुंचते हैं. जिनमें एक अच्छी खासी संख्या महिलाओं की भी होती है. गोवा के बीच पर नाबालिग लड़कियों से गैंगरेप और फिर मुख्यमंत्री के बयान पर पर्यटकों में भी रोष है. वो चाहते हैं कि राज्य में आने वाले हर पर्यटक की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
गोवा पहुंचे पर्यटक सुरक्षा को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं. उनके मुताबिक राज्य सरकार और पुलिस की जिम्मेदारी है कि कानून व्यवस्था दुरुस्त की जाए. ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर लगाम कसी जा सके. कानून व्यवस्था दुरुस्त होगी तो गोवा पहुंचने वाले पर्यटक बेखौफ होकर घूम सकेंगे.
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