धनबाद में रह रहे नेपाल के लोगों से ईटीवी भारत की बातचीत धनबादः जिला में रात्रि प्रहरी का काम करने वाले, जिन्हें लोग बहादुर के नाम से जानते हैं. ज्यादातर नेपाली समुदाय के लोग हैं. धनबाद में रह रहे नेपाली लोगों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. नेपाल में भूकंप को लेकर उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
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कोयलांचल में रात में यह कॉलोनी में घूम-घूमकर लोगों की और उनके घरों की निगरानी करते हैं. लेकिन नेपाल के बहादुर कहे जाने वाले ये लोग बेहद कठिन परिस्थिति में हैं, उन्हें मदद की जरूरत है. उनके परिजनों की भूकंप से आई तबाही में मौत हो चुकी है. इसके साथ ही इनके परिवार के लोग घायल भी हैं. नेपाल में भूकंप की तबाही में सैकड़ों लोगों की जान चली गई, जबकि सैकड़ों घायल हैं. झारखंड के धनबाद में भी नेपाल के कुछ लोग रहते हैं. धनबाद में रहकर वह रात्रि प्रहरी का काम करते हैं. भयंकर भूकंप ने नेपाल में इनके घरों को भी धराशायी कर दिया है, इनके परिजनों की भी मौतें हुई हैं, वहीं परिवार के कई सदस्य घायल हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में नेपाल के रुक्कुम जिला के चौर जहारी नगर पालिका रहने वाले मोहन कुमार रसाइली ने बताया कि जाजर कोट रामी डाड़ा में भूकंप का केंद्र बिंदु था. यहां से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर उनका घर स्थित है. भूकंप के कारण उनके गांव में भी भयंकर तबाही हुई है. इसमें उनके परिवार के 6 साल के सविन और 12 साल के रवि घायल हो गए हैं जबकि 32 वर्षीय भांजी जानकी सुनार और उसके एक बेटा व दो बेटियों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा कई लोगों की मौतें हुई हैं और कई लोग घायल भी हैं. उन्होंने कहा कि भूकंप पीड़ितों को राहत पहुंचाने में विलंब हो रहा है, जल्द राहत पहुंचाने के लिए सरकार को पहल करने की जरूरत है.
उन्होंने बताया कि नेपाल में नेटवर्क भी सही से काम नहीं कर रहा है. जिस कारण परिजनों से बात भी नहीं हो पा रही है. नेपाल में फिलहाल नमस्ते और एनसीएल मोबाइल नेटवर्क के टावर काम कर रहे हैं. दोनों मोबाइल नेटवर्क पर कॉलिंग फ्री की सुविधा दी गई है. जिस कारण इन दोनों नेटवर्क पर बात करने में परेशानी हो रही है, क्योंकि लाइन बीच में कट जाता है. जिस कारण उनका हाल चाल लेने में भी परेशानी हो रही है.
उन्होंने बताया कि कॉलोनियों में रात्रि प्रहरी करने के बाद जो थोड़े पैसे मिलते हैं, उनसे ही घर के लोगों का जीवन चलता है. अब इस तबाही के कारण विकट स्थिति पैदा हो गई है. उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि जिनकी जान बची है उन पर सरकार ध्यान दे, उनके राशन पानी और घर की मरम्मत कराने में सहयोग करे. इनके साथ में धर्म सरकी और मनी राम सरकी भी रहते हैं. यह दोनों रात्रि प्रहरी का काम करते हैं, दोनों नेपाल के रुक्कम जिला के रहने वाले हैं. धर्म सरकी की माता स्वसिली और पिता कारसिंहे घायल हैं जबकि मनी राम सरकी की बेटी सवीना और भतीजा जीवन भूकंप में घायल हुए हैं.