नई दिल्ली :साइबर सिक्युरिटी कंपनी नोर्टनलाइफलॉक ने उपभोक्ताओं के घर पर रहते हुए ऑनलाइन व्यवहार की समीक्षा के लिए एक नया वैश्विक अध्ययन किया है. अध्ययन के भारतीय खंड से मिले निष्कर्षों के अनुसार सर्वेक्षण में शामिल हर तीन में से दो भारतीय (66 प्रतिशत) ने कहा कि वे महामारी की वजह से ऑनलाइन रहने की आदत के शिकार हो गए हैं.
द हैरिस पोल द्वारा किए गए इस ऑनलाइन अध्ययन में 1000 से ज्यादा भारतीय वयस्कों ने हिस्सा लिया. उनमें से हर 10 में से आठ (82 प्रतिशत) लोगों ने कहा कि शिक्षा और पेशेवर कार्य के लिए इस्तेमाल के इतर डिजिटल स्क्रीन के सामने बीतने वाला उनका समय महामारी के दौरान काफी ज्यादा बढ़ गया.
औसतन भारत में एक वयस्क पेशेवर काम या शिक्षा कार्यों से इतर स्क्रीन के सामने हर दिन 4.4 घंटे गुजारता है. सर्वेक्षण में शामिल भारतीयों ने कहा कि स्मार्ट फोन वह आम उपकरण है जिसके इस्तेमाल में वह काफी ज्यादा समय (84 प्रतिशत) गुजारते हैं.
अध्ययन में शामिल अधिकांश भारतीयों (74 प्रतिशत) ने माना कि वे स्क्रीन के सामने जितना समय बिताते हैं उससे उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. जबकि आधे से अधिक (55 प्रतिशत) ने कहा कि यह उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है.
लगभग 76 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे दोस्तों के साथ समय बिताने जैसी गतिविधियों में शामिल होकर स्क्रीन के सामने बिताने वाले अपने समय को सीमित करने की कोशिश कर रहे हैं.