प्रयागराजःट्रेन में बिना टिकट सफर करने वाले लोगों के बारे में आपने कई बार सुना होगा. लेकिन प्रयागराज में एक ऐसा गांव है, जहां के लोग ट्रेन का टिकट तो खरीदते हैं लेकिन यात्रा नहीं करते. टिकट खरीदकर यात्रा न करने के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. दरअसल, लोग दयालपुर रेलवे स्टेशन को बंद होने से बचाना चाहते हैं.
17 साल बाद पुनः शुरु हुआ स्टेशनःशहर से दूर सोरांव इलाके में दयालपुर रेलवे स्टेशन है. दयालपुर रेलवे स्टेशन आज़ादी के बाद शुरू हुआ था. 1954 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की संस्तुति पर रेलमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री ने इस स्टेशन को बनवाया था. जिसके बाद से कई दशकों तक इस स्टेशन से लोगों को आने जाने के लिए ट्रेनें मिलती थी. लेकिन कई सालों के घाटे के बाद उत्तर रेलवे ने 2006 में इस स्टेशन को बंद कर दिया था. इसके बाद से स्थानीय लोग लगातार इस रेलवे स्टेशन को चालू करने की मांग कर रहे थे. जिसके बाद जनवरी 2022 में रेल मंत्रालय ने सालों से बंद दयालपुर रेलवे स्टेशन को हाल्ट स्टेशन के रूप में शुरू कर दिया.
स्टेशन बंद न हो इसलिए ग्रामीण खरीद रहे टिकटःदयालपुर रेलवे स्टेशन कई सालों के बाद पिछले साल फिर से चालू हुआ है. लेकिन सालों से बंद इस रेलवे स्टेशन को चालू रखने के लिये इलाके के लोग बिना यात्रा के ही टिकट खरीद रहे हैं. दयालपुर और आसपास के गांव के लोग इस स्टेशन पर पहुंचकर रोजाना टिकट खरीद रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यात्रा न करनी हो तो भी टिकट खरीदते हैं, जिससे कि रेलवे के मानक के अनुसार इस स्टेशन से टिकट की बिक्री होती रहे हैं. क्योंकि किसी भी स्टेशन पर टिकट की बिक्री न होने से मानक से कम होने पर रेलवे उसको बंद कर देता है.
कम टिकटों की बिक्री होने के कारण बंद हो गया था स्टेशनः17 साल पहले कम टिकटों की बिक्री होने की वजह से ही उत्तर रेलवे ने दयालपुर रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया था. जिसके बाद 17 सालों तक इस क्षेत्र के लोग ट्रेन के न ठहराव को शुरू करवाने के लिए आंदोलन करते रहे लेकिन उनकी परेशानी किसी ने नहीं सुनी थी. लंबी लड़ाई और लोकसभा चुनाव में स्थानीय लोगों ने इस स्टेशन को शुरू करवाने को चुनाव में मुद्दे के रूप में उठाया. जिसके बाद सांसद विधायक और नेताओं के सहयोग से 2020 में दूसरी बार इस स्टेशन पर ट्रेनों के रुकने का सिलसिला शुरू हुआ. अभी दयालपुर रेलवे स्टेशन को हॉल्ट स्टेशन के रूप में शुरू किया गया है. अब यह स्टेशन घाटे की वजह से बंद न हो इस वजह से स्थानीय लोग अपनी क्षमता के अनुसार यहां से टिकट खरीद रहे हैं.