उत्तरकाशी/उत्तराखंड: यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य जारी है.वहीं मजदूरों की सलामती के लिए लोग दुआएं कर रहे हैं. साथ ही सकुशल रेस्क्यू के लिए टनल के बाहर बनाए गए मंदिर में लोग भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं.
उत्तरकाशी टनल हादसा: फंसे श्रमिकों की सलामती के लिए पूजा का दौर जारी, लोगों ने सुरंग के बाहर बने मंदिर में की प्रार्थना
Uttarkashi Tunnel Collapse उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों के सकुशल रेस्क्यू के लिए प्रार्थनाओं का दौर शुरू हो गया है. लोग सुरंग में फंसे मजदूरों की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं.सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल में आधुनिक मशीनों से ड्रिलिंग कार्य किया जा रहा है, लेकिन मशीनें बीच में ही खराब पड़ रही है. जिससे रेस्क्यू कार्य में देरी हो रही है, जिसके बाद लोग भगवान की शरण में भी पहुंच रहे हैं.
Published : Nov 19, 2023, 9:52 AM IST
|Updated : Nov 19, 2023, 10:23 AM IST
सिलक्यारा टनल में 8 दिन से 41 मजदूर जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. वहीं मलबे के ढेर के पीछे फंसे मजदूरों को निकालने के लिए आधुनिक मशीनें जवाब देने लगी हैं. ऐसे में टनल के मुख्य द्वार पर बने मंदिर में लोग भगवान से मजदूरों की सकुशल रेस्क्यू के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू कार्य की खुद सीएम धामी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. साथ ही रेस्क्यू कार्य के लिए आधुनिक मशीनों का मंगाया जा रहा है. जिससे मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला जा सके. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी सीएम धामी से रेस्क्यू के बारे में लगातार अपडेट ले रहे हैं.
पीएम मोदी उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू जल्द कराना चाहते हैं. जिसके लिए बीते दिन पीएमओ से सीनियर अफसरों की एक पांच सदस्यीय टीम सिलक्यारा पहुंची . पीएमओ की टीम ने टनल वाले क्षेत्र का हर तरफ से निरीक्षण भी किया. बता दें कि यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा सुरंग में काम करते समय सुबह करीब 5:30 बजे मलबा गिरा. जिसके चलते सुरंग के अंदर काम कर रहे 41 मजदूर अंदर ही फंस गए. जिन्हें रेस्क्यू करने में शासन-प्रशासन का अमला जुटा हुआ है, लेकिन आठ दिन हो गए हैं, रेस्क्यू टीम टनल के अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंच नहीं बना पाई है. वहीं सिलक्यारा टनल में उत्तराखंड सहित झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश, हिमाचल, ओडिशा राज्यों के मजदूर फंसे हैं.