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पैलेट गन के हमले में रोशनी खोने वाली इंशा ने पास की 12वीं बोर्ड की परीक्षा, पिता के आंखों से निकले आंसू

जम्मू कश्मीर में पैलेट गन से निकले छर्रों के कारण कई लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी पूरी तरह से या आंशिक रूप से गंवा दी. ऐसी ही एक पीड़िता है शोपियां से करीब दस किलोमीटर दूर सिद्धू गांव की निवासी इंशा मुश्ताक. पढ़ें क्यों चर्चा में है इंशा

Pellet-Blinded Victim Insha Mushtaq Clears board exams
इंशा मुश्ताक

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Published : Jun 10, 2023, 1:52 PM IST

शोपियां :जम्मू-कश्मीर के दक्षिण जिले शोपियां से करीब दस किलोमीटर दूर सिद्धू गांव की निवासी नेत्रहीन इंशा मुश्ताक ने 12वीं की परीक्षा पास कर ली है. गौरतलब है कि इंशा मुश्ताक 2016 में सिद्धू शोपियां में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान खिड़की से झांक रही थीं, इसी दौरान पेलेट गन से छर्रों की चपेट में आने से उनकी आंखों की रोशनी चली गई. 2016 में, कश्मीर घाटी के अंदर भड़की हिंसा को नियंत्रित करने के लिए पेलेट गन का इस्तेमाल किया गया था.

इस दौरान पैलेट गन से कई लोग आंशिक या पूरी तरह से अंधे हो गए. इंशा मुश्ताक भी उनका शिकार हुई हैं. पैलेट गन से पूरी तरह नेत्रहीन होने के बावजूद इंशा मुश्ताक ने 12वीं की परीक्षा पास की. गौरतलब है कि कश्मीर में 12वीं कक्षा की परीक्षा के नतीजे शुक्रवार शाम को जारी किए गए. परीक्षा के परिणाम आने के बाद इंशा मुश्ताक और उसके पिता के खुशी के आंसू निकल आये. इंशा के पिता ने उसे मुबारक बाद दी. और कहा कि वह खुश हैं कि किस तरह तमाम परेशानियों के बाद भी उनकी बेटी ने यह परीक्षा पास कर ली है.

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कई घरेलू और विदेशी मानवाधिकार संगठनों ने कश्मीर घाटी में पेलेट गन के इस्तेमाल के लिए सरकार की आलोचना की. मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, कश्मीर में प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए व्यापक रूप से पैलेट गन का इस्तेमाल किया गया, जिसके कारण सैकड़ों लोग स्थायी रूप से विकलांग हो गए. सामाजिक संगठनों ने कश्मीर घाटी में विरोध प्रदर्शन के दौरान पैलेट गन के इस्तेमाल को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया है.

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