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Pegasus : राज्य सभा में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिया बयान - राज्य सभा में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव

पेगासस जासूसी (Pegasus Snooping) मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिशें जारी हैं. विपक्षी पार्टियां संसद में इस मुद्दे पर हंगामा कर रही हैं. मानसून सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही के दौरान भी आज इजराइली स्पाईवेयर पेगासस (Israeli Spyware Pegasus) को लेकर हंगामा हुआ. इसी बीच आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्य सभा के पटल पर सरकार का पक्ष रखा.

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस

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Published : Jul 22, 2021, 2:19 PM IST

Updated : Jul 22, 2021, 3:33 PM IST

नई दिल्ली : पेगासस मुद्दे पर राज्य सभा में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (pegasus Ashwini Vaishnaw) ने कहा है कि सरकार ने निजता की सुरक्षा लेकर पुख्ता इंतजाम किए हैं. उन्होंने कहा कि देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.

राज्यसभा में वैष्णव ने कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले ऐसी रिपोर्ट का प्रकाशित होना कोई संयोग नहीं है बल्कि ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. उच्च सदन में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच, एक बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है

बता दें कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री का यह बयान मीडिया में आई रिपोर्ट के मद्देनजर सामने आया है कि कुछ राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों सहित अनेक भारतीयों की निगरानी करने के लिये इजराइली स्पाइवेयर पेगासस का कथित तौर पर उपयोग किया गया था.

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि 18 जुलाई को एक वेब पोर्टल ने कथित जासूसी की खबर प्रकाशित की और यह प्रेस रिपोर्ट 19 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के ठीक एक दिन पहले सामने आई. यह संयोग नहीं हो सकता है.

राज्य सभा में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिया बयान

वैष्णव ने कहा कि 18 जुलाई 2021 को आई प्रेस रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र और एक स्थापित संस्थान की छवि को धूमिल करने का प्रयास लगती है. उन्होंने कहा कि अतीत में वॉट्सऐप पर पेगासस के इस्तेमाल करने का दावा सामने आया था लेकिन इन खबरों का तथ्यात्मक आधार नहीं है और सभी पक्षों ने इससे इनकार किया है.

गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ ने दावा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए भारत के कुछ रसूखदार लोगों सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों.

इससे पहले वैष्णव ने लोक सभा में भी पेगासस के मुद्दे पर बयान दिया था. अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा (Ashwini Vaishnaw in Lok Sabha) में, 'पेगासस जासूसी प्रकरण' पर कहा था कि जब हम इस मुद्दे को तर्क के चश्मे से देखते हैं, तो यह स्पष्ट रूप से सामने आता है कि ऐसा सनसनीखेज माहौल बनाने के पीछे कोई सार नहीं है.

बता दें कि अश्विनी वैष्णव हाल ही में हुए मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री बने हैं. उन्होंने पेगासस के संबंध में आईं मीडिया रिपोर्टस के संबंध में कहा कि हमारे देश में कानूनों और मजबूत संस्थानों में जांच और संतुलन की कमी नहीं है. ऐसे में किसी भी प्रकार की अवैध निगरानी संभव नहीं है.

लोकसभा में आईटी मंत्री ने कहा कि भारत में, अच्छी तरह से स्थापित प्रक्रिया है जिसके माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक संचार का वैध अवरोधन किया जाता है. भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 के प्रावधानों जा जिक्र करते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कानून के तहत इलेक्ट्रॉनिक संचार के वैध अवरोधन के लिए अनुरोध प्रासंगिक नियमों के अनुसार किए जाते हैं. अवरोधन के प्रत्येक मामले को सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित किया जाता है.

लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा था कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.

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क्या है पेगासस स्पाइवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाइवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रेकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाइवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरेों और कॉल रेकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रेकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका विडियो बनता रहेगा. इस स्पाइवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.

क्या है पेगासस स्पाइवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?

कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .

Last Updated : Jul 22, 2021, 3:33 PM IST

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