नई दिल्ली :इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस (Israeli Software Pegasus) का इस्तेमाल कर जासूसी और फोन टैपिंग किए जाने का मामला सुर्खियों में है. हालांकि, सरकार ने जासूसी के आरोपों का खंडन किया है. सरकार ने लोक सभा में पेगासस के मुद्दे पर कहा कि किसी भी प्रकार की जासूसी नहीं हुई है, और यह केवल सनसनी फैलाने का प्रयास है.
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोक सभा में पेगासस जासूसी प्रकरण पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि रविवार रात एक वेब पोर्टल द्वारा बेहद सनसनीखेज कहानी प्रकाशित की गई. इस कहानी के इर्द-गिर्द कई बेबुनियाद आरोप लगाए गए. उन्होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले प्रेस रिपोर्ट सामने आई. यह संयोग नहीं हो सकता.
पेगासस पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पेगासस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (Pegasus Joint Parliamentary Committee) से भी जांच कराई जानी चाहिए.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने पेगासस मामले में जेपीसी जांच की मांग की इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पेगासस मामले में दो ट्वीट किए. प्रियंका ने पेगासस प्रकरण पर कहा कि पेगासस से जुड़े खुलासे घृणित हैं. उन्होंने कहा कि पेगासस से जुड़ी जो भी मीडिया रिपोर्ट सामने आई है, अगर इसमें जरा भी सच्चाई है, तो लगता है कि मोदी सरकार ने निजता के अधिकार पर एक गंभीर और भयावह हमला किया है.
पेगासस प्रकरण पर प्रियंका गांधी का ट्वीट प्रियंका ने कहा कि मौलिक अधिकार के रूप में भारतीय नागरिकों को संवैधानिक रूप से गारंटी दी गई है. यह लोकतंत्र का अपमान है और हमारी स्वतंत्रता को प्रभावित करता है.
इससे पहले पेगासस पर राहुल गांधी ने भी टिप्पणी की थी. उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसा था. राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि हमें पता है 'वो' क्या पढ़ रहे ... जो भी आपके फोन में है. विपक्ष के तीखे तेवरों से साफ है कि इस मसले पर सरकार को संसद में सवालों का सामना करना पड़ सकता है.
गौरतलब है कि पेगासस के जरिये जासूसी का ऐसा मुद्दा आ गया है, जिसने राजनीतिक भूचाल ला दिया है. इस मुद्दे पर विपक्ष संसद में चर्चा कराने पर अड़ा है. पिछले साल राज्य सभा में 28 नवम्बर, 2019 को दिग्विजय सिंह ने सरकार से पेगासस (Pegasus) के विषय में सवाल पूछे थे. 18 जुलाई को भी उन्होंने इस बारे में ट्वीट किया और सरकार पर जासूसी कराने का आरोप लगाया. खुद बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने सरकार को चेतावनी दे डाली. उन्होंने कहा कि यह समझदारी होगी यदि गृह मंत्री संसद को बताएं कि मोदी सरकार का उस इजरायली कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है जिसने हमारे टेलीफोन टैप और टेप किए हैं. नहीं तो वाटरगेट की तरह सच्चाई सामने आएगी और हलाल के रास्ते बीजेपी को नुकसान पहुंचाएगी.
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क्या है पेगासस स्पाइवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाइवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रेकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.