श्रीनगर/जम्मू : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir ) का विशेष दर्जा खत्म किये जाने के दो साल पूरे होने पर बृहस्पतिवार को तिरंगा रैलियां निकाल कर और पूरे केंद्र शासित प्रदेश में राष्ट्रध्वज फहरा कर जश्न मनाया, जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (People's Democratic Part) ने इसे जम्मू कश्मीर के लिए शोक दिवस बताया और विरोध मार्च निकाला.
श्रीनगर में काली पट्टी बांधे पीडीपी के दर्जनों नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने शेर ए कश्मीर पार्क के पास स्थित पार्टी मुख्यालय से एक विरोध मार्च निकाला, जिसका नेतृत्व पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने किया.
अनंतनाग जिले के खानाबल से भाजपा की नगर निगम पार्षद रोमासिया रफीक ने खानाबल में डिग्री कॉलेज के पास राष्ट्रध्वज फहरा कर कश्मीर घाटी में पार्टी के समारोहों की शुरूआत की. उनके साथ पार्टी के करीब 200 कार्यकर्ता थे.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुग ने कहा कि 2019 के इस फैसले की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि यह थी कि यह विभाजनकारी और आतंकवादी ताकतों के लिए एक बड़ा झटका है.
चुग, जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पार्टी के प्रभारी भी हैं. उन्होंने जम्मू कश्मीर में सकारात्मक विमर्श में खलल डालने को लेकर गुपकर गठबंधन में शामिल पार्टियों की कड़ी आलोचना की.
उन्होंने केंद्र के पांच अगस्त 2019 के फैसले के खिलाफ और कश्मीर मुद्दे के हल के समर्थन में नारे लगाये. हालांकि, प्रदर्शनकारियों को पुलसि ने जीपीओ के पास रोक दिया.
महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने संवाददाताओं से कहा, 'आज जम्मू कश्मीर के लिए शोक दिवस है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा देश भर में जश्न मना रही है, जबकि कश्मीर शोक मना रहा.'
उन्होंने कहा, 'जम्मू कश्मीर के लोगों का अस्तित्व तभी रहेगा, जब हम साथ मिल कर अपनी संवैधानिक स्थिति को बहाल करेंगे और फिर भारत सरकार को आंतरिक आयाम पर जम्मू कश्मीर के लोगों से और बाहरी आयाम पर पाकिस्तान से बातचीत कर कश्मीर मुद्दे का हल करने के लिए मजबूर करेंगे.'
उन्होंने कहा, 'कोई और विकल्प नहीं है. वे पाकिस्तान से पहले से बातचीत कर रहे हैं जिसका परिणाम (नियंत्रण रेखा पर) संघर्षविराम के रूप में देखने को मिला है और इससे घुसपैठ में कमी आई है.'
महबूबा ने कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि जम्मू कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच अमन का सेतु बनना होगा. उन्होंने कहा कि भाजपा को पांच अगस्त 2019 को लिये फैसले को वापस लेना होगा.