दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

जम्मू-कश्मीर में पीडीपी नेता वहीद पारा ने शपथ ग्रहण को लेकर पत्र लिखा

जम्मू-कश्मीर में डीडीसी सीट जीतने के बाद पीडीपी के नेता वहीद पारा ने अभी तक शपथ नहीं ली है. अब उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को पत्र लिखा है.

PDP leader Waheed Para urges admin to facilitate his oath ceremony
जम्मू-कश्मीर में पीडीपी नेता वहीद पारा ने शपथ ग्रहण को लेकर पत्र लिखा

By

Published : Dec 16, 2022, 1:24 PM IST

श्रीनगर: पीडीपी नेता और पुलवामा जिला विकास परिषद के सदस्य वहीद पारा ने प्रशासन से आग्रह किया है कि उन्हें शपथ लेने और उनके शपथ ग्रहण समारोह की अनुमति दी जाए. वहीद ने जिला आयुक्त पुलवामा, बसीर उल हक चौधरी को उनके शपथ ग्रहण समारोह को लेकर पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि यह प्रशासन का संवैधानिक दायित्व है. बसीर उल हक जिले के उप निर्वाचन अधिकारी भी हैं.

वहीद ने डीसी को लिखा, 'सर, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मुझे डीडीसी सदस्य के रूप में अपने कर्तव्यों को निभाने की अनुमति दें. वहीं, मेरे शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन की अनुमति दें. उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए, वहीद ने कहा कि पद की शपथ कोई खाली औपचारिकता नहीं है, बल्कि इसका संवैधानिक महत्व है.

उन्होंने कहा, 'शपथ से जुड़े सिद्धांतों को निरस्त करना, संविधान के तहत सर्वोच्च कर्तव्य का उल्लंघन होगा. इसलिए, मैं शपथ लेने के लिए बाध्य हूं ताकि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के उद्देश्यों को कायम रखते हुए काम कर सकूं.' वहीद पारा ने अभी तक डीडीसी सदस्य के रूप में शपथ नहीं ली है क्योंकि 25 नवंबर, 2020 को पुलवामा -1 से डीडीसी प्रतियोगी के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के दो दिन बाद उन्हें आतंकवाद से जुड़े होने के आरोप में एनआईए द्वारा गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था.

ये भी पढ़ें- कश्मीर में 33 फीसदी आबादी मोटापे की शिकार: सर्वे

दिसंबर 2020 में डीडीसी चुनाव हुए और वहीद जेल में रहते हुए अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 529 मतों के अंतर से जीते. उनके परिवार और समर्थकों ने उनके डीडीसी चुनाव के लिए प्रचार किया था. डीडीसी पुलवामा-1 में हुए कुल 1,851 मतों में से वहीद गाद को 1,322 मत मिले. पारा के वकील ने शपथ के लिए एनआईए कोर्ट में एक याचिका दायर की जिसमें जेल अधिकारियों को उनके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शपथ लेने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया. हालांकि, जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने 22 जनवरी 2021 को आदेश पर रोक लगा दी और प्रशासन को अनुमति लेने का सुझाव दिया और शारीरिक रूप से शपथ दिलाएं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details