दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Jyoti Maurya: सोशल मीडिया पर PCS अफसर का समर्थन शुरू, प्रतियोगी छात्र ने लिख डाली लंबी-चौड़ी पोस्ट - ज्योति मौर्या की ताजी न्यूज

सोशल मीडिया पर PCS अफसर ज्योति मौर्या का समर्थन शुरू हो गया है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Jul 7, 2023, 5:24 PM IST

प्रयागराजःपीसीएस अफसर ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्या के बीच चल रहे विवाद में अब नया मोड़ आ गया है. अभी तक जहां सोशल मीडिया में ज्योति मौर्या को लेकर पोस्ट और रील बनाए जा रहे थे. वहीं अब सोशल मीडिया में ज्योति मौर्या के समर्थन में भी लोग उतरने लगे हैं. प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतियोगी छात्र ने ज्योति मौर्या के समर्थन में लंबा चौड़ा पोस्ट लिख डाला है. इसी के साथ सोशल मीडिया में वॉयरल हो रहे शादी के कार्ड को भी उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट के साथ शेयर किया है. जल्द ही सोशल मीडिया में ज्योति मौर्या के विरोधियों और समर्थकों के बीच वाकयुद्ध देखने को मिलेगा.

प्रतियोगी छात्र प्रशांत पांडेय ने यह कहा.

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के हक की लड़ाई लड़ने वाले प्रशांत पांडेय ने पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या के पक्ष में पोस्ट करने के साथ ही अपना बयान भी जारी किया है.इसी के साथ जिस तरह से ज्योति मौर्या को निशाना बनाकर सोशल मीडिया पोस्ट करने के साथ रील और गानों वाले वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं उसकी कड़ी निंदा की है. उनका कहना है कि पुरुष मानसिकता वाले समाज मे ज्योति मौर्या को जानबूझकर निशाना बनाते हुए उनके खिलाफ अभियान चलाकर बदनाम किया जा रहा है. प्रशांत पांडेय ने अपनी पोस्ट में ज्योति मौर्या के समर्थन में जो लंबा पोस्ट लिखा हुआ है वो इस प्रकार है.

(प्रशांत पांडेय की फेसबुक पोस्ट से)

हाय रे #पुरुषवादी_कुण्ठित_मानसिकता
जितना नुकसान अंग्रेजों ने 200 साल में नहीं किया उतना नुकसान इस सोशल मीडिया ने 20 साल से भी कम समय में किया. इसने हमारी सोचने, समझने, तर्क करने की क्षमता को पूर्णतया पैरालाइसिस का शिकार कर दिया. अभी हाल में दिखाई दे रहा था एक महिला प्रशासनिक अधिकारी का उसके पति से विवाद उसके निजी जीवन का विषय था परन्तु जिस तरीके से चटखारे ले लेकर सोशल मीडिया पर लगातार हंसी का पात्र बनाया जा रहा था. यह सोचने का विषय है कौन लोग थे. यह वही लोग थे जो चौक चौराहे पर खड़े होकर आने जाने वाली #अबोध_बालिका से लेकर #प्रौढ़_स्त्री तक को अपनी #वासना भरी निगाहों से तार-तार करने की कोशिश करते हैं और उनके काया, चाल, ढाल, पहनावे, रूप, रंग,कार्य को लेकर चटखारे लेकर बात करते हैं. इनको यह हजम नहीं हो पा रहा है कि आखिर एक स्त्री कैसे अपनी स्वेच्छा से दूसरे मर्द से प्रेम करने और उससे शादी करने की हिमाकत कर सकती है जबकि यही कृत्य #लाखों_पुरुष प्रशासनिक अधिकारी,राजनेता, व्यापारी, बॉलीवुड के अभिनेता से लेकर एक सामान्य पुरुष भी समाज में करता रहता है जो कि सर्वविदित है.इसके संबंध में किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है और जानकारी चाहिए तो परिवार न्यायालय में विवाह विच्छेद के लिए दायर मुकदमों की संख्या देख लीजिए जो लाखों की संख्या में केवल इसी विषय को लेकर है लेकिन यह पुरुषवादी मानसिकता से कुंठित लोगों को नहीं दिखाई देता खुद के गिरेबान में कभी झांक कर नहीं देखेंगे.ऐसे चटखारे लेकर सोशल मीडिया पर एक स्त्री को कदम दर कदम चरित्रहीन, कुलटा, डायन और पता नहीं क्या-क्या कहने वालों को अगर इनके #सोशल_मीडिया के #इनबॉक्स में जा कर देख ले तो इनका वास्तविक चरित्र वहीं पर #... नजर आ जाता है. दिक्कत यह नहीं है,दिक्कत मानसिकता की है, दिक्कत इनकी सोच की है, दिक्कत इनकी कुंठा की है, दिक्कत पुरुषवादी आधिपत्य की है जिससे यह आज भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.


खुद करें तो #रासलीला और अगर स्त्री करें तो #कैरेक्टर ढीला आखिर यह दो पैमाना क्यों.... क्या किसी स्त्री को अपने पसंद के पुरुष से प्रेम या प्रेम विवाह करने का अधिकार भारत का संविधान ,परंपरा या वेद नहीं देते ?. जहां तक मैं जानता हूं इतिहास का विद्यार्थी होने के नाते #वैदिक काल में स्त्रियों को स्वेच्छा से अपने पसंद के पुरुष के साथ #संसर्ग करने और #विवाह करने की छूट थी. अब बात आती है उच्च प्रशासनिक महिला अधिकारी की तो क्या उसके साथ उसका जो वर्तमान पति है उसने अपनी वास्तविकता छिपाकर शादी करके उसे धोखा नही दिया.क्या यह #विवाह_जिहाद नही किया और रही बात पढ़ाने लिखाने और नौकरी दिलाने की जो लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे एक बार वास्तविकता चेक कर लेना चाहिए था. वह पहले से ही #अध्यापिका थी और #एसडीएम की नौकरी उसकी #चौथी_नौकरी है.इससे पहले लोक सेवा आयोग से ही लोअर पीसीएस के तहत #ऑडिटर कोऑपरेटिव उसके बाद #समीक्षा अधिकारी सचिवालय उसके बाद पीसीएस के टॉप रैंकर के रूप में #एसडीएम का पोस्ट मिला तो यह जो बता रहे हैं पढ़ा लिखा के बना दिए. वह महोदय खुद सफाई कर्मचारी (ग्राम विकास अधिकारी बता कर शादी करने वाले) जो मायावती सरकार में किस प्रकार रखे गए थे सभी जानते हैं.उसके बाद क्यों नहीं किसी पद पर चयनित हो गए,केवल दूसरे को पढ़ा लिखा कर बनाना आता था ये सवाल कोई क्यो नही पूछता ??.जो लोग लगातार सोशल मीडिया पर एक स्त्री का मान हनन करने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें एक बार गंभीर, चिंतन मनन और सोशल मीडिया पर ऐसी चीजों पर बिना सोचे समझे प्रतिक्रिया देने से पहले गंभीर मंथन की आवश्यकता है. इस प्रकार की विकृत मानसिकता 21वीं सदी में जब #यूपीपीएससी से लेकर #यूपीएससी तक की सर्वाधिक टॉपर महिलाएं हो रही हैं तब उनकी स्वतंत्रता को लेकर ऐसी सोच कहीं न कहीं कुण्ठित पुरुष अधिपत्यवादी मानसिकता को स्पष्ट परिलक्षित करता है. बाकी ना मेरा उद्देश्य किसी का महिमामंडन करना या किसी को अपमानित करना है बल्कि मेरे नजरिए से जो वास्तविक विश्लेषण था यह मात्र वही है.आपकी सोच और विश्लेषण आपकी मानसिकता को प्रदर्शित करता है.



ये भी पढ़ेंः Watch Video: ज्योति मौर्या के पति ने बताई पत्नी को पीसीएस बनाने के संघर्ष की कहानी, सुनाई बेवफाई की दास्तान

ABOUT THE AUTHOR

...view details