हैदराबाद :शेयर मार्केट में आईपीओ के जरिये इनवेस्ट करने वालों के लिए बड़ी खबर है. पेटीएम को 16,600 करोड़ रुपये के आईपीओ लाने के लिए सेबी से मंजूरी मिल गई है. यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. इससे पहले 2010 में कोल इंडिया लिमिटेड 15000 करोड़ रुपये के आईपीओ लाया था. इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, कंपनी ऑफर साइज को करीब 1,000 से 2,000 करोड़ रुपये बढ़ा सकती है. यानी इस आईपीओ का कुल साइज 18,000 करोड़ रुपये का हो सकता है. ऑफर फॉर सेल के तहत पेटीएम के मौजूदा निवेशक अपने शेयर बेचेंगे. कंपनी 8,300 करोड़ रुपये के शेयर प्राइमरी मार्केट में बेचेगी. बाकी के 8,300 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फॉर सेल में (म्यूचुअल फंड और शेयर होल्डर कंपनियों) बेचे जाएंगे.
जानिए शेयर की कीमत क्या होगी ?
बता दें कि पेटीएम में चीनी उद्योगपति जैक मा के एंट ग्रुप के अलावा अलीबाबा सिंगापुर, एलवेशन कैपिटल, सॉफ्टबैंक विजन फंड और BH इंटरनेशनल होल्डिंग्स ने भी निवेश कर रखा है. रिपोर्ट के मुताबिक, पेटीएम की पेरेंट कंपनी One97 कम्युनिकेशंस ने नवंबर के दूसरे हफ्ते तक इसे लिस्ट करने का लक्ष्य रखा है. पेटीएम 1.47-1.78 लाख करोड़ रुपये का मूल्यांकन चाह रही है. अमेरिका स्थित मूल्यांकन विशेषज्ञ अश्वथ दामोदरन ने फर्म के गैर-सूचीबद्ध शेयरों का मूल्यांकन 2,950 रुपये प्रति शेयर किया है. आईपीओ का प्राइस बैंड 3000 से 3200 के बीच हो सकता है. पेटीएम के आईपीओ का संचालन Morgan Stanley कर सकती है. अभी तक इसकी दावेदारी Citigroup Inc. और JPMorgan Chase & Co. भी कर रही है.
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प्रॉफिट मेकिंग बन सकती है पेटीएम
मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि अभी शेयर मार्केट में आईपीओ लाने वाली कंपनियों के लिए बेहतर माहौल है. कोरोना के बाद छोटे निवेशक भी इन्वेस्टमेंट का बेहतर ऑप्शन तलाश कर रहे हैं. वह प्राइमरी मार्केट में रुचि ले रहे हैं. पिछले साल के नुकसान के बाद 2021-22 में पेटीएम प्रॉफिट कमा सकता है, इसलिए बायर्स का इसके आईपीओ में रुझान बढ़ेगा. अभी तक कंपनी की ओर से यह बताया गया है कि वह नुकसान की भरपाई के लिए नहीं बल्कि बिजनेस के विस्तार के लिए आईपीओ ला रही है, यह निवेशकों में पॉजिटिव माहौल पैदा करेगा. गौरतलब है कि कोरोना काल में 2020-21 में पेटीएम को ₹4,783 करोड़ का नुकसान हुआ था. 2021 के पहले क्वॉर्टर में कंपनी ने अपने नुकसान में 22 फीसदी की कमी की थी.
भारत में नोटबंदी के बाद 3 महीनों में पेटीएम के उपभोक्ताओं की संख्या में 60 मिलियन का इजाफा हुआ था. इसके निवेशकों की ब्रांडिंग भी मजबूत है
इस कंपनी पर दुनिया के दिग्गज निवेशकों ने भरोसा जताया है. पेटीएम एक भारतीय स्टार्टअप कंपनी है लेकिन फिलहाल इसका कंट्रोल विदेशी कंपनी के हाथ में है. ऐसा एफडीआई के नियमों की वजह से है. कंपनी में चीन के एंट ग्रुप की सबसे ज्यादा 30.33 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा जापान के सॉफ्ट बैंक की 18.73%, एलवेशन कैपिटल की 17.65%, अलीबाबा की 7.32%, विजय शेखर शर्मा की 14.97% और अन्य की 11 फीसदी हिस्सेदारी है.
सर्विस से बढ़ी पेटीएम की मार्केट वैल्यू
- सीईओ विजय शेखर शर्मा के अनुसार, पेटीएम के 2 करोड़ से अधिक मर्चेंट पार्टनर्स हैं और इसकी यूजर हर महीने 1.4 अरब ट्रांजेक्शन करते हैं.
- कंपनी ने अपना कारोबार का विस्तार किया है. कंपनी डिजिटल पेमेंट्स के अलावा बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, फाइनेंशियल सर्विसेज, वेल्थ मैनेजमेंट और डिजिटल वॉलेट की सुविधा भी मुहैया करा रही है.
- paytm Mall के जरिये ऑनलाइन प्रोडक्ट बेचने से लेकर कंपनी गोल्ड में निवेश करने की सुविधा भी देती है
- PhonePe, Google Pay, Amazon Pay और WhatsApp Pay की बाजार में मौजूदगी के बावजूद कंपनी ने पहली तिमाही में शानदार परफॉर्म किया.
विजय शेखर शर्मा ने 2010 में पेटीएम की स्थापना की थी.
क्या होता है IPO ?
IPO यानि Initial Public Offering (IPO)- जब कोई कंपनी अपने शेयर पहली बार जनता के लिए जारी करती है तो उसे आईपीओ यानि सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) कहते हैं. कंपनियां IPO इसलिये जारी करती हैं ताकि अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए पूंजी (capital) प्राप्त हो सके. इसे ऐसे समझें कि जब भी किसी कंपनी को अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होती है तो वह बाजार से कर्ज लेने की बजाय जनता से पैसे मांगती है और बदले में उसे कंपनी के शेयर देती है. इसके लिए कंपनी आईपीओ जारी करती है.