नई दिल्ली : महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार को राजनीतिक हलकों में एक पाठशाला की संज्ञा प्राप्त है. उन्हें एक कुशल और समावेशी राजनेता के तौर पर देखा जाता है. पवार के चतुर राजनेता होने के कई प्रमाण हैं. हाल ही में उनकी धमक सत्ता के गलियारे में उस समय और बढ़ गई, जब महाराष्ट्र में हारी हुई बाजी उन्होंने पलट दी.
दरअसल महाराष्ट्र में लंबे समय तक चले राजनीतिक गतिरोध की इतिश्री में शरद पवार की मुख्य भूमिका रही, जिससे उनकी राजनीति छवि काफी बड़ी हो गई. उन्होंने सभी को धता बताते हुए तय किया कि महाराष्ट्र सरकार निर्माण की चाबी उनके ही पास है. हालिया विधानसभा चुनाव में 80 वर्षीय पवार ने बारिश में भीगते हुए रैली संबोधित कर सिद्ध किया कि ढलती उम्र में भी उनकी राजनीतिक जिजीविषा कम नहीं हुई है.