इडुक्की (केरल) :अगर आप में सीखने की ललक है तो उम्र कोई बाधा नहीं है. ये सच कर दिखाया है 62 वर्षीय पवनथयी (Pavanathayi) ने जिन्होंने अपनी बेटी और पोते के साथ केरल साक्षरता मिशन की परीक्षा दी. ये परिवार तमिलनाडु में संपत्ति का काम कर रहा था. पवनथयी मलयालम लिखना नहीं जानती थीं. इसलिए वह अपनी 42 वर्षीय बेटी सुब्बुलक्ष्मी और पोते विग्नेश कुमार के साथ केरल साक्षरता मिशन की ओर से आयोजित कक्षाओं में शामिल हुईं.
62 साल की पवनथयी ने बेटी और पोते के साथ दी परीक्षा, जानिए क्यों - मलयालम लिख और पढ़ सकती हैं पवनथयी
62 साल की पवनथयी (Pavanathayi) ने केरल साक्षरता मिशन की ओर से आयोजित कक्षाओं में पढ़ाई की. अब वह मलयालम लिख और पढ़ सकती हैं. खास बात ये रही कि उनकी बेटी और पोते ने भी मलयालम सीखी और साथ ही परीक्षा दी.
इसका उद्देश्य प्रवासी श्रमिकों को मलयालम पढ़ाना है. यूं तो विग्नेश परास्नातक है, लेकिन उसने भी मलयालम सीखी. पुथुक्कड़ कॉलोनी के 30 अन्य लोगों ने भी उनके साथ परीक्षा दी, पवनथयी अब मलयालम पढ़ और लिख सकती हैं. पवनथयी, उनकी बेटी और पोते ने 'पढ़ना-लिखना' प्रोजेक्ट के तहत आयोजित क्लास कभी मिस नहीं की. पवनथयी का लक्ष्य अब उच्च कक्षाओं के लिए पात्रता परीक्षा के लिए खुद को तैयार करना है.
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