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हाई कोर्ट का जमानत पर रोक लगाने से इनकार, जेल से बाहर आए संजय राउत

पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत की जमानत याचिका पर मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने उन्हें जमानत प्रदान कर दी. ईडी ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की. लेकिन कोर्ट ने उस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. इसके कुछ घंटों बाद संजय राउत को आर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया.

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Published : Nov 9, 2022, 12:50 PM IST

Updated : Nov 9, 2022, 7:18 PM IST

मुंबई : पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में बुधवार को शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत को मुंबई की पीएमएलए कोर्ट से जमानत मिलने के बाद कुछ घंटों के बाद जेल से बाहर आ गए हैं. इसके साथ ही प्रवीण राउत को भी जमानत मिल गई है. हालांकि, संजय राउत की जमानत खारिज हो जाए, इसके लिए ईडी ने ऐड़ी चोटी की जोर लगा डाली. जैसे ही मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने अपना फैसला संजय राउत के पक्ष में सुनाया, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने उसकी जमानत के अमल पर कुछ समय के लिए रोक लगाने की मांग कर दी, ताकि ईडी मुंबई की पीएमएलए अदालत के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील कर सके.

वहीं, पीएमएलए कोर्ट ने संजय राउत और सह-आरोपी प्रवीण राउत की जमानत के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा, 'उनकी रिहाई निश्चित है.' मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने दोपहर तीन बजे संजय राउत को जमानत आदेश पर रोक लगाने की मांग पर दोबारा फैसला सुनाया. इधर, ईडी ने पात्रा चॉल घोटाला मामले में संजय राउत को मिली जमानत को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने हाई कोर्ट बेंच के समक्ष मामले का उल्लेख किया. उन्होंने संजय राउत की जमानत का विरोध करने वाली उनकी अर्जी का जिक्र किया और उन्हें दी गई जमानत पर रोक लगाने की मांग की. जस्टिस भारती डांगरे की सिंगल जज बेंच अब इस मामले की सुनवाई के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत को मिली जमानत पर तत्काल रोक लगाने से किया इनकार कर दिया. अब जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होगी.

वहीं, आर्थर रोड जेल अधिकारी ने कहा कि रिहाई के आदेश मिलने के दो घंटे बाद संजय राउत जेल से बाहर आ जाएंगे. दस्तावेजों की जांच के बाद जेल से रिहा किया जाएगा. संजय राउत की जमानत को मंजूरी मिलने के बाद उनके भाई सुनील राउत ने कहा कि भाई की तबीयत ठीक नहीं है. जेल से छूटने के बाद उद्धव ठाकरे से मिलने और कुछ और जगहों पर जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा.

गौरतलब है कि ईडी ने राउत को पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना के संबंध में धनशोधन के आरोप में इस साल जुलाई में गिरफ्तार किया था. उपनगरी क्षेत्र गोरेगांव में 47 एकड़ में फैली पात्रा चॉल को सिद्धार्थ नगर के नाम से भी जाना जाता है और उसमें 672 किरायेदार परिवार हैं. 2008 में, महाराष्ट्र गृहनिर्माण एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) ने एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की एक सहयोगी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को चॉल के पुनर्विकास का अनुबंध सौंपा.

जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने थे और म्हाडा को कुछ फ्लैट देने थे. वह शेष जमीन निजी डेवलपर्स को बेचने के लिए स्वतंत्र था. हालांकि, ईडी के अनुसार, पिछले 14 वर्षों में किरायेदारों को एक भी फ्लैट नहीं मिला, क्योंकि कंपनी ने पात्रा चॉल का पुनर्विकास नहीं किया, बल्कि अन्य बिल्डरों को भूमि के टुकड़े और फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) 1,034 करोड़ रुपये में बेच दिये.

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Last Updated : Nov 9, 2022, 7:18 PM IST

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