पटना: बिहार की राजधानी पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने फुलवारीशरीफ से गिरफ्तार 3 कट्टरपंथियों की तुलना आरएसएस से की है. जबकि गिरफ्तार 3 कट्टरपंथियों (Patna Terror Module) के बारे में कहा जा रहा है कि इन्होंने 2047 तक भारत को इस्लामिक देश में बदल डालने का संकल्प लिया हुआ है. पटना एसएसपी ने अपने बयान में कहा कि जिस तरह से आरएसएस में शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है उसी तरह से ये भी प्रशिक्षण देने का काम करते थे. ये बातें उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहीं.
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'अभी अनुसंधान प्रारंभिक स्टेज पर है. ये पता चला है कि इनका ऑर्गनाइजेशन बेसिकली मस्जिद और मदरसे में यूथ को मोबलाइज करती थी. ये लगातार कट्टरपंथ की ओर कार्यशील थे. इनकी कार्यप्रणाली ऐसी थी जैसे आरएसएस की शाखा होती है. आर्गनाइज करते हैं और लाठी की शारीरिक ट्रेनिंग देते हैं. उसी तरीके से ये लोग भी फिजिकल ट्रेनिंग देते थे.इसी के साथ अपना एजेंडे था उसके साथ यूथ का ब्रेनवॉश करने का काम कर रहे थे'- मानवजीत सिंह ढिल्लो, एसएसपी, पटना
ADG ने जारी किया शोकॉज नोटिस : एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने विवादित बयान को लेकर पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो को कारण बताओ शोकौज नोटिस जारी किया है. नोटिस के माध्यम से एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने एसएसपी पूछा आखिर ऐसा बयान क्यूं दिया. 48 घंटे के अंदर SSP को जवाब देने को कहा गया है.
बता दें कि अतहर परवेज और जलालुद्दीन समेत 3 की गिरफ्तारी के बाद पटना एसएसपी ने बताया कि हमें पहले से सूचना थी कि फुलवारीशरीफ के नयाटोला नहर के पास एक मकान में देश विरोधी और मुख्य रूप से समुदाय विरोधी कार्य किया जा रहा है. इसी क्रम में 6-7 जुलाई को यहां पर मार्शल आर्ट के नाम पर कुछ स्थानीय लोगों को चरमपंथी लोगों द्वारा तलवार, चाकू चलाने का प्रशिक्षण सहित दूसरे समुदाय के प्रति उन्मादित करने, साम्प्रदायिक विद्वेष पैदा करने का प्रयास किया गया था. पुलिस के पास पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी है. बाद में पुलिस ने 11 जुलाई की रात छापेमारी की और अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया.
FIR में 26 नाम: अतहर परवेज और जलालुद्दीन के अलावा 24 और संदिग्ध हैं जो लोगों को बरगलाने का काम करते थे. एफआईआर में दर्ज नामों में 1- समीम अख्तर, 2-रियाज मॉरिफ, 3-सनाउल्लाह, 4-तौसिफ, 5-महबूब आलम, 6-एहसान परवेज, 7-मो. सलमान, 8-मो. रसलान (सचिव, बिहार-बंगाल क्षेत्रीय समिति PFI), 9-महबूब-ऊर-रहमान, 10- इम्तियाज दाऊद, 11-महबूब अलम, 12-खलीकुर जमा, 13-मो. अमीन आलम (टीचर ट्रेनिंग कॉलेज गोनपुरा फुलवारीशरीफ के कर्मचारी), 14-जिशान अहमद, 15-रियाज अहमद, 16-मंजर परवेज, 17- नुरुद्दीन जंगी ऊर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन, 18- मो. रियाज (PFI का राष्ट्रीय नेता), 19- मो. अंसारुल हक (मिथिलांचल यूनिट का निदेशक प्रभारी), 20- मंजहरुल इस्लाम, 21- अब्दुर्रहमान, 22 मो. मुस्तकिन, 23- अरमान मलिक, 24- परवेज आलम (राज्य कमेटी सदस्य PFI मिथिलांचल), ये वो लोग हैं जो समय समय पर फुलवारीशरीफ आकर ब्रेनवॉश करते थे. भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करते थे.
कौन है अतहर परवेज और जलालुद्दीन: पटना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया मोहम्मद अतहर परवेज का कनेक्शन पूर्व में गांधी मैदान में हुए नरेंद्र मोदी के रैली के दौरान बम ब्लास्ट से जुड़ रहा है. अतहर परवेज के द्वारा गांधी मैदान बम ब्लास्ट और अन्य बम ब्लास्ट में शामिल लोगों का बेल करवाने में अतहर परवेज का ही हाथ था. जिसके बाद कहीं ना कहीं अतहर परवेज का आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता की बात सामने आई है. दरअसल इसके द्वारा राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में पिछले 10 वर्षों से रहकर कट्टरपंथी संगठन सिमी को सपोर्ट किया करता था और पूर्व में सिमी (Students Islamic Movement of India) का सदस्य भी रहा है. दरअसल, अतहर परवेज सिमी का पूर्व सदस्य रहा है. 2001-02 में जब सिमी बैन हुआ उस समय बिहार में जो आतंकी ब्लास्ट हुआ था, उसमें मंजर परवेज गिरफ्तार हुआ था. मंजर भी अतहर का ही भाई है. बाद में अतहर ने वर्ष 2001, 2003, 2013 में बिहार में जो भी आतंकी घटनाएं हुई हैं, उसमें गिरफ्तार लोगों के बेलर बनने का काम किया.जलालुद्दीन झारखंड का पूर्व दारोगा था. अतहर परवेज जलालुद्दीन के घर में रहकर ही देश विरोधी गतिविधि संचालित करता था.
2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाना लक्ष्य :बताया जा रहा है कि जिस मकान में वे रहते थे, वहांमार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा के नाम पर अस्त्र-शस्त्र की ट्रेनिंग दी जा रही थी. इसके अलावा दोनों पर धार्मिक उन्माद फैलाने और आतंकवादी गतिविधि कार्य करने की भी बात सामने आई है. गोपनीय ढंग से प्रशिक्षण कार्यक्रम में काफी लोग प्रशिक्षित किए गए हैं. प्रशिक्षण में शामिल लोगों को वे अपने-अपने क्षेत्र में जाकर अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित और उनमदित करने का निर्देश दिया जाता था. जब इनके ठिकानों पर छापेमारी की गई तो पुलिस को पीएफआई का झंडा, पंपलेट, बुकलेट एवं गुप्त दस्तावेज मिले हैं. जिसमें 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए मुहिम चलाने से संबंधित दस्तावेज बरामद हुआ है.