पटनाः शराबबंदी कानून (Prohibition Law In Bihar) को लेकर एक बार फिर से पटना हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी (Patna High Court Strict Remarks) की है. कोर्ट ने इतना तक कह दिया कि शराबबंदी कानून को लागू करने में अधिकारी अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं करते हैं. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने उत्पाद मामलों से सम्बंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि उत्पाद कानून तो सही है, लेकिन इसे सही ढंग से लागू नहीं किया जा रहा. यही कारण है कि कोर्ट पर केस का बोझ बढ़ता ही जा रहा है. कोर्ट के इस तल्ख बयान से लगता है कि शराबबंदी कानून के तहत बढ़ते मामलों से पटना हाईकोर्ट परेशान हो गया है.
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'हर रोज दायर मामलों की संख्या में वृद्धि' :दरअसल शराबबंदी कानून के तहत दर्ज होने वाले मामलों के कारण पटना हाई कोर्ट सहित बिहार के विभिन्न जिलों की अदालत में केसों का अंबार लग गया है. कोर्ट का कहना है कि शराबबंदी कानून के तहत जब्त गाड़ियों को छुड़ाने के लिए हर रोज दायर मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और संजय कुमार की खंडपीठ ने शराबबंदी कानून से जुड़े मामलों पर सुनवाई करते हुए कहा कि हमलोगों को आए दिन इससे परेशानी हो रही है.