पटना :पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर एलएन मिश्रा इंस्टिट्यूट की छात्रा के अपहरण मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने पुलिस के रवैये और क्रियाकलापों पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पुलिस बिहार के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में नाकामयाब रही है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि ये मामला बहुत गंभीर है. कोर्ट ने कहा कि इस केस को प्रत्येक शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी.
नई SIT गठन करने का आदेश : कोर्ट ने साइबर क्राइम एसपी तथा मुजफ्फरपुर के सीनियर एसपी को मिलकर इस केस की समीक्षा करने की बात कही. इस केस के लिए एक नई एसआईटी के गठन करने की बात कही. दरअसल, मुजफ्फरपुर के एलएन मिश्रा इंस्टिट्यूट की छात्रा का अपहरण भगवान पुर चौक से गत वर्ष 12 दिसम्बर को हो गया था.
मामले में दो महिलाओं से हुई पूछताछ :साहेबगंज कॉलेज से सेवानिवृत्त हुये अपहृत लड़की के नाना ने मुज्जफरपुर के सदर थाना में प्राथमिकी 844/2022 दर्ज कराई. जांच में पता चला कि सोनू कुमार ने दो महिला के साथ भगवानपुर चौक से नशे का इंजेक्शन देकर अपहरण कर लिया है. लड़की को चतुर्भुज स्थान में बेच दिया है. यह पता चलने के बाद भी पुलिस सोनू को पूछताछ के लिए नहीं बुलाई. बाद में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया. दोनों ने पुलिस को कई तथ्यों की जानकारी दी.
हाई कोर्ट में आपराधिक रिट याचिका दायर :इसी बीच अपहृत लड़की के परिजनों ने डीजीपी, मानवाधिकार आयोग, साइबर क्राइम ब्रांच से गुहार लगाई लेकिन कहीं से कुछ नहीं हुआ. साइबर क्राइम ब्रांच ने इस केस के अनुसंधाननकर्ता पुलिस अधिकारी को दो-तीन बिंदुओं पर जांच करने की सलाह दी. कहीं से कुछ होता नहीं देख परिजनों ने पटना हाई कोर्ट का रुख किया. हाई कोर्ट में आपराधिक रिट याचिका दायर कर बच्ची को बरामदगी की गुहार लगाई.
अनुसंधान में लापरवाही बरती गई- HC : न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि संवेदनशील मामले में अनुसन्धान में लापरवाही बरती गई. अनुसन्धान रिपोर्ट देख कोर्ट आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि क्या पुलिस ऐसे अनुसन्धान करती है? इस मामले में संदिग्धों से सही ढंग से पूछताछ तक नहीं किया गया. यहां तक कि इस घटना के किंगपिन मानें जाने वाले को पुलिस रिमांड पर नहीं ली.