पटना: बिहार में इस महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव (bihar municipal election 2022) को लेकर पटना हाईकोर्ट (Patna high court on EBC reservation) ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव कराने से फिलहाल रोक लगाने के आदेश दिए हैं. ऐसे में 10 और 20 अक्टूबर को निकायों की इन सीटों पर मतदान हो नहीं हो पाएगा. सिर्फ अनारक्षित और सामान्य महिला वाली सीटों पर ही मतदान हो सकेगा.
बिहार के नगर निकायों में आरक्षित सीटों पर नहीं होंगे चुनाव, पटना हाईकोर्ट की रोक - ईटीवी भारत न्यूज
बिहार नगर निकाय चुनाव 2022 पर ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करने के मामले में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच अहर्ता पूरी नहीं कर लेने तक आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती. पढ़ें.
ईबीसी आरक्षण पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई:कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने बताया कि इस स्थानीय निकाय के चुनाव में इन पदों के आरक्षण नहीं होने पर इन्हें सामान्य सीट के रूप मे अधिसूचित कर चुनाव कराए जाएंगे. चीफ जस्टिस संजय करोल एवं संजय कुमार की खंडपीठ ने सुनील कुमार व अन्य की याचिकाओं पर सभी पक्षों को सुनने के बाद 29 सितम्बर, 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया था ,जिसे आज सुनाया गया.
कोर्ट ने फैसला रखा था सुरक्षित: गौरतलब है कि स्थानीय निकायों के चुनाव 10 अक्टूबर, 2022 से शुरू होने वाले हैं. कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया. कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा था कि इन मामलों पर निर्णय पूजा अवकाश में सुना दिया जाएगा. कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव के कार्यक्रम में परिवर्तन करने की जरूरत समझे, तो कर सकता है.
तीन जांच की अर्हता पूरी होने के बाद फैसला: दिसंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि स्थानीय निकायों में ईबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती, जब तक कि सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित तीन जांच की अर्हता पूरी नहीं कर लेती. तीन जांच के प्रावधानों के तहत ईबीसी के पिछड़ापन पर आंकड़ें जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग के सिफरिशों के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय करने की जरूरत है. साथ ही ये भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि एससी/एसटी/ईबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीटों का पचास प्रतिशत की सीमा को नहीं पार करे.