जयपुर:10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. ये दिन मानसिक तनाव (depression) से बचने और मानसिक समस्याओं के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिहाज से विशेष माना जाता है, लेकिन इस बार कोविड संक्रमण और उसके बाद मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों और मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.वहीं, चिकित्सकों का कहना है कि खराब मानसिक स्वास्थ्य के कारण मरीज को शारीरिक बीमारियों से भी जूझना पड़ता है.
डॉक्टरों का कहना है कि देश में लगभग 19 करोड़ 70 लाख की आबादी किसी ना किसी मानसिक रोग से ग्रसित है. ये लगभग हर 7 में से एक व्यक्ति का मानसिक रोग से पीड़ित होना दर्शाती है. इनमें से लगभग 9 करोड़ की आबादी में अवसाद या चिंता जैसी बीमारियां पाई गई हैं. अवसाद का सीधा संबंध आत्महत्या जैसे कदम उठाने से भी है और वर्तमान में दुनिया में लगभग हर 40 सेकेंड में एक आत्महत्या घटित होती है.
मानसिक रोगों के लक्षण
चिकित्सकों का मानना है कि हर मनोरोग के अपने अलग-अलग लक्षण होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे लक्षण शुरुआती तौर पर दिखाई देते हैं. जिससे आसानी से पहचाना जा सकता है कि व्यक्ति किसी न किसी मानसिक अवसाद या मनोरग से पीड़ित है. इसमें सामान्य गतिविधियों और लोगों से कटना, नींद और भूख में बदलाव, व्यवहार में परिवर्तन जैसे गुमसुम, चिड़चिड़ापन या उत्तेजित होना, अनावश्यक रूप से चिंतित होना और घबराहट महसूस करना शामिल है.