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कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में कोलन कैंसर की सफल सर्जरी, दाहिनी ओर था लीवर - पेट के दाहिनी ओर लीवर

पश्चिम बंगाल के एनआरएस अस्पताल में कोलन कैंसर का सफल ऑपरेशन किया गया. यह ऑपरेशन इसलिए भी खास था क्योंकि मरीज का लीवर दाहिनी ओर था जो शरीर के बाईं ओर होना चाहिए था.

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Published : Jun 19, 2023, 10:59 PM IST

पुरुलिया: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के रघुनाथपुर निवासी एक मरीज कृष्णा बिड कैंसर से पीड़ित थीं और इलाज के लिए नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में आईं थीं. कृष्णा की जांच के बाद डॉक्टर दंग रह गए. उन्होंने पाया कि कृष्ण का एक अंग लीवर (यकृत) दाहिनी ओर है जो शरीर के बाईं ओर होना चाहिए. चूंकि वह पेट के कैंसर से पीड़ित थीं, इसलिए डॉक्टर सर्जरी के लिए जाने से पहले उनकी शारीरिक स्थिति के बारे में विशेष रूप से चिंतित थे. कोलकाता के सरकारी अस्पतालों में से एक नील रतन सरकार अस्पताल में सफलतापूर्वक सर्जरी की गई. पुरुलिया के रघुनाथपुर की निवासी 51 वर्षीय कृष्णा बिड सोमवार को स्वस्थ होकर घर लौटीं.

हाल ही में उनके पेट में अचानक तेज दर्द होने लगा. इलाके के विभिन्न डॉक्टरों को देखने के बाद, वह आखिरकार कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल आईं. कृष्णा को सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. उप्पल की देखरेख में भर्ती कराया गया था. वहीं कृष्णा बिड को पहली बार पता चला कि उनके शरीर का एक अंग विपरीत दिशा में है. इस बीच डॉक्टरों ने तरह-तरह के टेस्ट करके पता लगाया कि मरीज के शरीर में कैंसर बस गया है.

जानलेवा बीमारी कोलन में थी. अगर जल्दी से सर्जरी नहीं की गई तो बीमारी घातक रूप से फैल सकती है. इसलिए डॉक्टरों ने जल्द ऑपरेशन करने का फैसला किया. लेकिन वे शरीर में लिवर की विपरीत स्थिति को लेकर चिंतित थे. आमतौर पर इन मामलों में रक्त वाहिकाएं भी विपरीत दिशा में स्थित होती हैं. इसलिए डॉक्टरों को सर्जरी से पहले तैयारी करनी होगी. सर्जरी भी काफी जोखिम भरी थी. कृष्णा की सर्जरी बेहद सावधानी से की गई थी. उसके शरीर से कोलन का एक हिस्सा शल्य चिकित्सा से निकालना पड़ा.

डॉक्टर उत्पल डे ने कहा कि सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि उनके मामले में एनाटॉमी बिल्कुल विपरीत थी. ऐसे मामलों को हम साइटस इनवर्सस पार्शियलिस कहते हैं. डॉक्टर के अनुसार, इस विपरीत शरीर रचना के साथ कोलन कैंसर, दुनिया भर में केवल 15 रोगियों में पाया गया है और भारत में दूसरी बार हुआ है. डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी 2 लाख लोगों में से एक में पाई जाती है. कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में इलाज के बाद कृष्णा की जान वापस आ गई.

कृष्णा ने ईटीवी भारत को बताया, "मुझे यहां पता चला कि मेरा लीवर विपरीत दिशा में है. अब मैं स्वस्थ हूं. मैं रात को सो रहा हूं, और मैं खाने में सक्षम हूं. मैं आज घर वापस जा रहा हूं."

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