नई दिल्ली: दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने इंडियन मुजाहिद्दीन के सह संस्थापक यासीन भटकल पर देशद्रोह के मामले में आरोप तय करने के आदेश दिए हैं. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र मालिक के कोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना कि साल 2012 में यासीन भटकल और मोहम्मद दानिश अंसारी सहित कुल 11 लोग भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश में शामिल थे. साथ ही इस आपराधिक साजिश को अंजाम देने के लिए उसकी पूरी तैयारी और कार्ययोजना भटकल ने तैयार की थी. भटकल और दानिश इस योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए की गई आतंकी गतिविधियों में शामिल थे.
121 पेज के आदेश में कोर्ट ने भटकल और अन्य 11 आरोपितों के नाम : मोहम्मद आफताब आलम, मोहम्मद दानिश अंसारी, इमरान खान, सैयद मकबूल, मोहम्मद अहमद सिद्दीबप्पा, असौदुल्लाह अख्तर, उज्जैर अहमद, हैदर अली, मोहम्मद तहसीन अख्तर, जिया उर रहमान और ओबैद उर रहमान के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) कानून और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं व धारा 1860 (10 से अधिक व्यक्तियों द्वारा किए गए अपराध से संबंधित) के तहत आरोप तय किए हैं.
कोर्ट ने कहा कि सबूतों के अनुसार भटकल की चैट से सूरत में परमाणु विस्फोट की साजिश का खुलासा होता है. उससे जब्त डिजिटल सामग्री कि जिहाद के नाम पर उसने गैर मुस्लिमों की हत्या को सही ठहराने वाले लेख और वीडियो भी प्रसारित किए. यह लोग वहां से मुस्लिमों को निकालने के बाद बम विस्फोट करके भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते थे. भटकल ने इस मामले में न सिर्फ साजिश रची बल्कि विस्फोट के लिए आईईडी तैयार करने में भी मदद की थी.