देहरादून: उत्तरकाशी के पुरोला में धर्मांतरण मामले (Conversion case in Purola Uttarkashi) को लेकर काफी बवाल हुआ था. धर्मांतरण के दोनों मुख्य आरोपी पादरी अमन पास्टर और उनकी पत्नी एकता को पुलिस ने आखिरकार अरेस्ट कर लिया है. देर रात देहरादून के प्रिंस चौक से उत्तरकाशी की नौगांव पुलिस ने दोनों दंपती को इस मामले में गिरफ्तार किया है. धर्मांतरण मामले में पादरी और उनकी पत्नी की गिरफ्तारी नए कानून के तहत हुई है. 23 दिसंबर 2022 को पादरी सहित सात लोगों के खिलाफ धर्मांतरण मामले में उत्तरकाशी में मुकदमा दर्ज हुआ था.
पादरी और उसकी पत्नी समेत 7 लोगों पर दर्ज हुआ था मुकदमा: उत्तराखंड में नए कानून के तहत धाराएं बढ़ाई गई हैं. उसके बाद लगातार इसमें पुलिस मुख्यालय की मॉनिटरिंग में जांच पड़ताल चल रही थी. इसी क्रम में पादरी और उनकी पत्नी की गिरफ्तारी की गई है. आरोप है कि बीते दिसंबर 2022 क्रिसमस से 2 दिन पहले पुरोला के कई गांवों में सामूहिक रूप में धर्मांतरण का मामला सामने आया था. इसी के तहत पादरी सहित सात लोगों पर पहले पुराने कानून के तहत धर्मांतरण आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया था.
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पादरी और उसकी पत्नी को हो सकती है 10 साल की जेल: पुलिस कार्रवाई के तहत इस बात की जानकारी भी सामने आई कि यह घटना 23 दिसंबर 2022 की है. उत्तराखंड में धर्मांतरण संशोधन कानून 22 दिसंबर 2022 को लागू हो गया था. नए कानून के तहत 10 साल की सजा, आर्थिक जुर्माना और गिरफ्तारी कर प्रावधान है. उसी नए कानून के तहत उत्तरकाशी पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई को अपडेट करते हुए पादरी और उनकी पत्नी की बुधवार देर रात गिरफ्तारी की है. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में नए कानून के तहत अन्य आरोपित लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है.
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बता दें उत्तराखंड में एक के बाद एक धर्मांतरण के मामले (conversion in uttarakhand) सामने आ रहे हैं. 1 महीने में देहरादून, उत्तरकाशी (पुरोला) और हरिद्वार में धर्मांतरण के तीन मुकदमे (Three conversion cases filed in Uttarakhand) दर्ज हो चुके हैं. राज्य में सख्त कानून लागू होने के बावजूद पुलिस की कार्रवाई (Police action on conversion case in Uttarakhand) इन मामलों में उतनी प्रभावी नजर नहीं आ रही है, जितनी कड़े कानून को लेकर चर्चाएं हो रही थी.