सुलतानपुर :जिले में सोमवार को विभाजन की विभीषिका दिवस परशहर के गुरुद्वारे में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के तौर पर डीएम जसजीत कौर और सांसद मेनका गांधी ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान सांसद ने बंटवारे का दर्द लोगों से साझा किया. कहा कि हमारे पिता क्वेटा से आए थे. हमने भी अपने रिश्तेदारों की मौत का दर्द सहा है. कुछ ट्रेन में मारे गए और कुछ का घरों में कत्ल कर दिया गया. हम भी रिफ्यूजी बनकर भारत आए थे. सदियों तक ये जख्म नहीं भरेंगे.
पाकिस्तान से भारत आया था परिवार :कार्यक्रम के दौरान सांसद मेनका गांधी ने कहा कि हमारा परिवार पाकिस्तान के मुनगुमरी से भारत आया था. करनाल और दिल्ली में हमें जमीनें दी गईं. हमारे पिताजी एटा से आए थे. हम विभाजन से पीड़ित रहे. हम ही उसका दर्द जानते हैं. हमारे कई रिश्तेदार आने-जाने में मारे जा चुके हैं. कुछ ट्रेनों में मारे गए कुछ घरों में. अभी कई सालों तक इसका दर्द हमारे जेहन में बना रहेगा. खुशी इस बात की है कि हमने एक ताकतवर देश बनाया है, एक मिसाल का देश बनाया है विश्व को दिखाने के लिए. विभाजन के बाद भी हम लोग तेजी से आगे बढ़े हैं. भारत समृद्ध हुआ है.
डीएम बोलीं-मेरा परिवार भी रहा है पीड़ित :कार्यक्रम में डीएम जसजीत कौर का गुरुद्वारा प्रबंधन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने अभिनंदन किया. उन्हें स्मृति चिन्ह के रूप में तलवार भेंट किया गया. उन्होंने पौधा लगाकर विभाजन विभीषिका दिवस को यादगार बनाया. इस दौरान परिसर में बंटवारे से जुड़ी तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. इन तस्वीरों को देखकर डीएम, एसपी समेत अन्य लोग गमगीन हो गए. विभाजन विभीषिका पट्टिका पर माल्यार्पण कर भारत आए लोगों के दर्द को बांटने का प्रयास किया गया. डीएम ने कहा कि मेरे परिवार समेत बहुत से ऐसे परिवार रहे जो विभाजन के समय पाकिस्तान से भारत आए. उस दुख के पल को आज विभाजन विभीषिका कार्यक्रम में याद किया गया.