नई दिल्ली :संसदीय समिति ने सोमवार को देश में कैंसर का इलाज सस्ता करने के लिए दवाओं पर जीएसटी में कमी और स्वदेशी टीके उपलब्ध कराने का सुझाव दिया है. भारत में कैंसर के किफायती इलाज के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद प्रो रामगोपाल यादव की अध्यक्षता में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की बैठक हुई. बैठक में उपस्थित अधिकारियों में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक अतुल गोयल शामिल थे.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने समिति के समक्ष विस्तृत प्रस्तुति दी और बताया कि देश में कार्यरत 22 एम्स में से सिर्फ छह में ही कैंसर के इलाज की सुविधा है. केंद्र द्वारा संचालित 13 मेडिकल कॉलेजों में ही कैंसर के इलाज की सुविधा है. सूत्रों ने कहा कि पैनल के एक सदस्य ने अवगत कराया कि कैसे पश्चिम बंगाल में चित्तरंजन नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल व्यावहारिक रूप से निष्क्रिय था. अब मरीजों की आमद बढ़ने के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ हैै. सदस्यों ने कैंसर से संबंधित दवाओं और दवाओं की बढ़ती कीमतों पर भी गहरी चिंता जताई. हालांकि सरकार का दावा है कि कुछ शर्तों के तहत ये दवाएं रियायती दर पर उपलब्ध हैं. सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्रालय को सुझाया कि ऐसी दवाओं पर जीएसटी को कम करने की तत्काल आवश्यकता है, सदस्यों ने उपलब्ध सुविधाओं पर अपनी चिंता व्यक्त की और पीईटी स्कैन कराने का आग्रह किया जो कैंसर का पता लगाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है.
सदस्यों ने कैंसर को जल्द से जल्द एक अधिसूचित रोग घोषित करने का भी आग्रह किया क्योंकि इसके महंगे इलाज और इससे जुड़े कलंक के साथ यह आम आदमी के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है. इसके अलावा इस बात पर भी चर्चा की गई कि कैंसर रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए परामर्श मुहैया कराने पर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. अधिकारियों द्वारा सदस्यों को यह भी बताया गया कि कैंसर के इलाज के लिए एचपीवी वैक्सीन अपने तीसरे परीक्षण चरण में पहुंच गई है. सभी सदस्यों ने एकजुट होकर केंद्र सरकार से स्वदेशी टीकों के विकास को प्रोत्साहित करने का अनुरोध किया ताकि इलाज सस्ता हो सके और टीका आसानी से उपलब्ध हो सके.
मंगलवार को राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), झज्जर, हरियाणा सहित कुछ संगठन डॉ भुवनेश्वर बोरूआ कैंसर संस्थान (बीबीसीआई), गुवाहाटी, असम; चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई), कोलकाता, पश्चिम बंगाल; तथा राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं अनुसंधान संस्थान, गौतमबुद्धनगर, उत्तर प्रदेश समिति के समक्ष अपने सुझाव रखेंगे. समिति पहले से ही डॉ भुवनेश्वर बोरूआ कैंसर संस्थान (बीबीसीआई), गुवाहाटी से अनुसंधान प्राप्त कर रही है और जैसा कि चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई), कोलकाता द्वारा प्रस्तुत किया गया है. इसमें 28 अप्रैल, 2022 को मुंबई में समिति के स्टडी टूर के दौरान टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई द्वारा प्रस्तुत इस विषय पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग से प्राप्त पृष्ठभूमि नोट पर भी सदस्यों ने चर्चा किया.