नई दिल्ली :कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने कहा है कि एमएचए को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह देना चाहिए कि वे तीन अंकों के सामान्य पैन-इंडिया हेल्पलाइन नंबर 112 के साथ अपने हेल्पलाइन नंबरों को एकीकृत करें.
समिति का मानना है कि जो महिलाएं संकट में हैं उनके लिए एक सामान्य राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर होना चाहिए, जिसके जरिए उन्हें हर तरह की मुसीबत में मदद मिल सके. इससे देश के हर कोने में पहुंचने में मदद मिलेगी.
इससे पहले गृह मंत्रालय ने 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) हेल्पलाइन नंबर 112 जारी किया है और इसका संचालन हो रहा है. इसके अलावा कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं.
विदेशी पर्यटकों को भी सहूलियत
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने उल्लेख किया कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध की शिकायतों की विभिन्न श्रेणियों के लिए कई हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग किया जाता है. जो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होते हैं.
समिति दृढ़ता से अनुशंसा करती है कि तीन अंको वाला एक ही हेल्पलाइन नंबर होना चाहिए. जिसकी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समान रूप से पहुंच हो. समिति ने कहा कि यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होगा जो भारत में रहने के दौरान विभिन्न राज्यों का दौरा करते हैं. यह उन विदेशियों के लिए भी अच्छा होगा जो एक राज्य से दूसरे राज्य में यात्रा और आवागमन करते हैं.
राज्यों के हेल्पलाइन नंबर अलग
समिति ने आगे कहा कि यह हेल्पलाइन नंबर राज्य प्रायोजित सहायता सेवाओं जैसे आश्रयों, वन स्टॉप सेंटर, परामर्श, आपातकालीन परिवहन सहायता और अन्य सुरक्षा उपायों से समग्र रूप से जुड़ा हो सकता है.
आंकड़ों के अनुसार हरियाणा राज्य में 1091 के माध्यम से 2020 तक 94000 से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं.
181 के माध्यम से 24525 कॉल मिली. हरियाणा में चाइल्ड हेल्पलाइन के रूप में एक और हेल्पलाइन नंबर 1098 है. इसी तरह उत्तर प्रदेश में ऐसी तीन संख्याएं हैं जिनमें 112, 1090 और 181 शामिल हैं.