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Parliament Winter session: सांसदों के निलंबन का विरोध, संसद परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन - केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री

राज्यसभा सदस्यों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने संसद परिसर में गांधीजी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया.

Opposition leaders sitting on dharna in front of Gandhi statue in Parliament (file photo)
संसद में गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे विपक्षी (फाइल फोटो)

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Published : Dec 1, 2021, 11:33 AM IST

Updated : Dec 1, 2021, 12:17 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद के शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए 12 राज्यसभा सदस्यों के निलंबन के विरोध में बुधवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया और निलंबन रद्द करने की मांग की. संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, द्रमुक के टीआर बालू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले और कई अन्य सांसद भी मौजूद थे.

विपक्षी सांसदों ने 'वी वान्ट जस्टिस', 'निलंबन वापस लो' के नारे लगाए.

कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि 12 सदस्यों का निलंबन रद्द किया जाना चाहिए, ताकि सदन सुचारू रूप से चल सके. मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वह निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार करें और निलंबन रद्द करें.

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के विरोध प्रदर्शन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा किमहात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बैठना हास्यास्पद है. मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि कम से कम पश्चाताप व्यक्त करें. आज लोकसभा को चलाने की हम पूरी कोशिश कर रहे हैं. विपक्ष का रवैया क्या रहता है, देखते हैं. हम तो लोकसभा चलाना चाहते हैं.

तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा कि12 निलंबित सांसदों को माफी मांगने को कहा गया है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि विपक्ष माफी मांगेगा. 12 सांसद में दो सांसद तृणमूल के भी हैं और तृणमूल माफी मांगने के खिलाफ है. तृणमूल के दोनों सांसद गांधीजी की प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठें हैं और ये धरना जारी रहेगा.

सांसदों के निलंबन पर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि केंद्र को यह महसूस करना होगा कि देश में अन्य लोगों की आवाजें सुनी जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि केंद्र को यह महसूस करना होगा कि इस देश में लोगों को अपनी बात सामने रखने का हक है. संसद बहस और चर्चा के लिए है. आपको लोगों को अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति देनी होगी, तभी आप वास्तव में लोकतांत्रिक संसद चला सकते हैं.

बता दें कि संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान 'अशोभनीय आचरण' करने की वजह से, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया. उच्च सदन में उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी.

जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस (TMC) की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के विनय विस्वम शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Dec 1, 2021, 12:17 PM IST

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