नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में साल 2019-20 के लिए अतिरिक्त अनुदान मांगों पर की गई चर्चा का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारत को उर्वरक उत्पादन में आत्म-निर्भर बनने के लिए काम करना होगा. वित्त मंत्री ने संकेत दिया कि आगामी बजट सत्र में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए एक बार और अनुदान की अनुपूरक मांगों को पेश किया जा सकता है. पिछले कुछ दिन में मनरेगा के तहत काम की मांग में कमी आई है, यह मांग आधारित कार्यक्रम है. उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई को और कम करेगी. आवश्यक वस्तुओं के दामों पर लगातार नजर रखी हुई है.
लोकसभा में सीतारमण का जवाब, माचिस किसने दिया ये मुद्दा नहीं, इसका इस्तेमाल कैसे किया गया, ये अहम है
वित्त मंत्री ने संकेत दिया कि आगामी बजट सत्र में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए एक बार और अनुदान की अनुपूरक मांगों को पेश किया जा सकता है.
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि महुआ मोइत्रा के बयान का जवाब दिया कि माचिस किसने दिया ये मुद्दा नहीं है. माचिस हमें जनता ने ही दिया है, लेकिन हम ऐसा करके देश की जनता को कमजोर नहीं कह सकते. अहम ये है कि किसके हाथ में माचिस को कैसे इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा, "हमारे हाथ में जब माचिस थी, तो हमने उज्जवला दिया, उजाला दिया, पीएम किसान योजना, स्वच्छ भारत अभियान चलाए. जब आपके हाथ में माचिस आया तो लूट हुई, रेप हुआ, हमारे कार्यकर्ताओं के घर जलाए, एक केंद्र मंत्री एमओएस मुरलीधरन की गाड़ी पर हमला हुआ. चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री तक सुरक्षित नहीं था. माचिस किसके हाथ में कैसे काम आई, ये हमें समझना चाहिए."