नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र का आज दसवां दिन है. सदन शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने केंद्रीय मंत्रियों संग बैठक की.
पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल सहित वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की और शीतकालीन सत्र के दौरान चल रहे गतिरोध को दूर करने पर चर्चा की.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि देश में अब तक 86 प्रतिशत वयस्कों को कोरोना वायरस रोधी टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है और सरकार जल्द से जल्द 100 प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयासरत है.
उन्होंने लोकसभा में एनके प्रेमचंद्रन, राजीव रंजन सिंह, मनीष तिवारी और कुछ अन्य सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह टिप्पणी की.
ओमीक्रोन से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि इसको लेकर देश के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ अध्ययन कर रहे हैं और पूरी तथ्य सामने आने के बाद आगे कदम उठाया जाएंगे.
उन्होंने टीकों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर से जुड़े सवाल पर कहा, पूरे अध्ययन के बाद ही टीकों को मंजूरी मिलती है. लेकिन बिना तथ्य के टीका को लेकर कुछ नहीं कहा जाए क्योंकि इससे लोगों बेवजह फिर झिझक पैदा होगी.
मांडविया ने कहा कि कोरोना वायरस अपना स्वरूप बदलता रहता है. इनके जिनोम अनुक्रमण के लिए देश में 36 प्रयोगशालाएं हैं.
लोकसभा की कार्यवाही के दौरान कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक सवाल के जवाब में कहा, 21 उच्च न्यायालयों में हमने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए नियम लागू किए हैं. हम ट्रायल मोड में हैं ताकि हम देश की सभी अदालतों में एक समान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रदान कर सकें. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से वादियों और वकीलों को मदद मिली है. भविष्य में यह लंबित मामलों से निपटने में मदद करेगा.
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राजद्रोह से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को हटाने से संबंधित कोई प्रस्ताव गृह मंत्रालय के पास विचाराधीन नहीं है.
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि धारा 124ए से संबंधित कानून का सवाल उच्चतम न्यायालय के पास लंबित है.
रिजिजू ने कहा, गृह मंत्रालय ने सूचित किया है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को हटाने का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
एआईयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अमजल ने सवाल किया कि क्या उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में राजद्रोह से संबंधित कानून को औपनिवेशिक करार दिया है और कहा है कि इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है? क्या न्यायालय ने सरकार से इस कानून की जरूरत और वैधता को लेकर सरकार से जवाब मांगा है? इसके जवाब में विधि मंत्री ने कहा, उच्चतम न्यायालय के किसी फैसले या आदेश में ऐसी टिप्पणी नहीं है.
कोविड में बुजुर्गों के हालात पर महुआ मोइत्रा ने सवाल किया. महुआ मोइत्रा ने सवाल किया कि कोविड के समय बुजुर्ग घरों मं बंद रहे हैं. ऐसे हालात में वे परेशान रहते हैं. क्या सरकार इस बारे में कुछ कर रही है? इसका जवाब देते हुए स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने कहा कि ऐसी कई हेल्पलाइन हैं जिसके लिए मेंटल प्रोफ़ेशनल्स की तरफ से कोविड से प्रभावित लोगों को साइकोलॉजिकल सपोर्ट दिया जाता है. इन लोगों में बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं. मेंटल हेल्थ इश्यू को लेकर राज्यों को गाइडलाइन भी जारी की गई हैं. मीडिया और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म के ज़रिए अवेयरनेस पर काम किया जा रहा है. इसके लिए वेबसाइट जारी की गई है. दीक्षा प्लैटफॉर्म पर ट्रेनिंग भी दी गई है.
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चाबहार बंदरगाह परियोजना पर प्रतिबंधों के प्रभाव पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, इस समझौते पर 2016 में हस्ताक्षर किए गए थे, 2018 में कब्जा लिया गया था. टर्मिनल पूरी तरह कार्यात्मक है. अमेरिकी प्रतिबंध इस परियोजना के लिए बिल्कुल भी प्रासंगिक नहीं हैं. चाबहार पोर्ट परियोजना समझौते ईरान तक सीमित है. बंदरगाह संचालन के संदर्भ में हमें अफगानिस्तान सरकार के साथ समझौते की आवश्यकता नहीं है.
वहीं, कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना की घुसपैठ पर चर्चा करने के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया. वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया.
विदेश मंत्री ने COVID-19 के कारण प्रवासियों की नौकरी के नुकसान पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि एनआरआई के संबंध में, जो भारत वापस आ गए हैं, हमारा ध्यान उन्हें वापस लाने, उनकी नौकरी बहाल करने और उनके देय भुगतान को वापस देने पर है.
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लोकसभा ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), बिलासपुर के सदस्य के रूप में सदन के एक सदस्य को निर्वाचित करने के प्रस्ताव को तथा अन्य पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए समिति में राज्यसभा के एक सदस्य को नियुक्त करने की सिफारिश उच्च सदन से करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) के सदस्य के रूप में सदन के किसी एक सदस्य को निर्वाचित किये जाने की अनुमति लोकसभा से मांगी जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया। हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद रहे राम स्वरूप शर्मा के गत 17 मार्च को निधन के कारण सदस्य का उक्त पद रिक्त हुआ था.
भाजपा सांसद राजेश वर्मा ने अन्य पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए समिति (2021-22) में राज्यसभा के एक सदस्य को शामिल करने के लिए उच्च सदन से सिफारिश करने का प्रस्ताव रखा. डॉ बंदा प्रकाश के राज्यसभा से इस्तीफा देने के कारण खाली हुए पद पर समिति के बाकी कार्यकाल के लिए सदस्य की नियुक्ति करने और राज्यसभा द्वारा नामित सदस्य के नाम की सूचना निम्न सदन में देने की सिफारिश करने के प्रस्ताव को लोकसभा ने ध्वनिमत से मंजूर कर लिया.
दूसरी तरफ, राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने पूरे भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चर्चा करने के लिए सदन में निलंबन का नोटिस दिया.