नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक आयोजित होने की संभावना है. संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCPA) ने 19 जुलाई से 13 अगस्त तक संसद के मानसून सत्र (parliament monsoon session) आयोजित किए जाने की सिफारिश की है.
सूत्रों ने बताया कि करीब एक महीने तक चलने वाले इस सत्र में करीब 20 बैठकें होने की संभावना है. संसद का मानसून सत्र आमतौर पर जुलाई के तीसरे सप्ताह में शुरू होता है और स्वतंत्रता दिवस से पहले समाप्त होता है. सूत्रों ने बताया कि संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Parliamentary Affairs) ने सत्र की अवधि के बारे में सिफारिश की है.
कोविड प्रोटोकॉल की किया जाएगा पालन
सूत्रों ने कहा कि सत्र के दौरान संसद परिसर के भीतर कोविड से संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. यह भी उम्मीद है कि सत्र के दौरान परिसर में प्रवेश करने वाले सभी लोगों ने कोविड के टीके की कम से कम एक खुराक ले ली होगी.
गौरतलब है कि गत संसद सत्र 14 सितंबर, 2020 को शुरू हुआ था. संसद के इस मानसून सत्र का समापन 1 अक्टूबर, 2020 को होना था, लेकिन लोकसभा और राज्यसभा में आवश्यक कामकाज के बाद कोविड-19 महामारी के जोखिम के कारण सदन की कार्यवाही 23 सितंबर यानि अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई थी. 2020 में आयोजित संसद के मानसून सत्र के दौरान 10 दिनों में कुल 10 बैठकें हुईं थीं.
बता दें कि साल 2020 में आयोजित संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में करीब 167 प्रतिशत और राज्यसभा में करीब 100.47 प्रतिशत कामकाज हुआ था. इस अवधि में सभी 11 अध्यादेशों संसद के अधिनियमों द्वारा प्रतिस्थापित भी किया गया था.
विगत मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किए गए कुछ महत्वपूर्ण विधेयक-