नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा 8 से 10 अगस्त तक होगी और चर्चा के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब देने की संभावना है. इस आशय का निर्णय लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में लिया गया. इसका विपक्षी दलों के गठबंधन 'INDIA' और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने बहिष्कार किया. इन विपक्षी दलों की मांग है कि प्रस्ताव पर तत्काल चर्चा शुरू हो. विपक्षी दलों के सदस्य इस दौरान सरकार द्वारा विधायी एजेंडा को आगे बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं.
वहीं, सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि ऐसा कोई नियम या परंपरा नहीं है जो अविश्वास प्रस्ताव को सदन में तत्काल चर्चा के लिए लेने को अनिवार्य बनाता हो. सरकार का कहना है कि नियमानुसार प्रस्ताव लाये जाने के 10 कामकाजी दिवस में उसे चर्चा के लिए लिया जाना चाहिए. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 26 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किया था. उन्होंने उस दिन कहा था कि सभी दलों के नेताओं से बात करके और नियमों पर विचार करके प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख तय करेंगे.
विपक्ष का लोकसभा की बीएसी बैठक से वाकआउट :विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव' (इंडिया) के घटक दलों के नेताओं ने अविश्वास प्रस्ताव पर अगले सप्ताह चर्चा कराने के फैसले का विरोध करते हुए मंगलवार को लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक से बहिर्गमन किया. निचले सदन में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने कहा कि लोकसभा में मंगलवार सुबह जब विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के सदस्यों ने मणिपुर पर चर्चा और प्रधानमंत्री मोदी की सदन में मौजूदगी की मांग की तो बैठक स्थगित कर दी गई.