नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है. दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण कुछ समय बाद ही कार्यवाही को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले लोकसभा की कार्यवाही शुरुआत में विदेश मंत्री जयशंकर का भाषण दे रहे थे. उसी दौरान विपक्ष के भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी और हंगामे के कारण जयशंकर अपना भाषण पूरा नहीं कर पाए, जिसके कारण अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित करना पड़ा.
इससे पहले महंगाई, जीएसटी, बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही सुबह शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई थी. वहीं, राज्यसभा में विपक्ष ने महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामा किया, जिसके बाद दोनों सदनों को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां है वो लड़ रही है और हम लड़ेंगे. जो रोजमर्रा की चीजों पर लगाए जाने वाले टैक्स के खिलाफ हम प्रदर्शन कर रहे हैं. दूध, दही, पनीर जैसी चीजों पर टैक्स लगाया गया है. इसके खिलाफ हम संसद में भी अपनी बात रखेंगे.
विपक्षी दलों के सांसदों का धरना :राहुल गांधी समेत कांग्रेस और कुछ अन्य सहयोगी दलों के सांसदों ने महंगाई और कई जरूरी खाद्य वस्तुओं को माल एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाए जाने के विरोध में मंगलवार को संसद भवन परिसर में धरना दिया. इन सांसदों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया. इन लोगों ने एक बैनर भी ले रखा था, जिस पर गैस सिलेंडर की तस्वीर थी और लिखा था, "दाम बढ़ने से आम नागरिकों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, वे कैसे जीवन यापन करेंगे?"
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और कई अन्य विपक्षी सांसद इस धरने में शामिल हुए. विपक्षी सांसदों ने 'दूध-दही पर जीएसटी वापस लो' के नारे भी लगाए.
राज्यसभा में विपक्षी दलों का हंगामा :महंगाई, कुछ आवश्यक खाद्य पदार्थों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने और रक्षा सेवाओं में भर्ती की अग्निपथ योजना जैसे मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के पांच मिनट के भीतर ही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. सुबह जैसे ही उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ कहना चाहा, लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्हें अनुमति नहीं दी.
इसके बाद सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. नायडू ने बताया कि नियम 267 के तहत खड़गे सहित कई अन्य सदस्यों ने महंगाई और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं लेकिन उन्होंने उन्हें स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अन्य मौकों पर इन मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है. इस पर विरोध जताते हुए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के कारण नायडू ने 11 बज कर करीब पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
बता दें कि मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया. विपक्ष ने जीएसटी दरों में बढ़ोतरी और अग्निपथ योजना समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरा और इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की थी. हालांकि, हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलेगा.