नई दिल्ली : झारखंड BJP अध्यक्ष एवं राज्य सभा सांसद दीपक प्रकाश ने आज राज्य सभा में झारखंड में कोयले का अवैध खनन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि झारखंड के धनबाद के निरसा में तीन कोलियरी हैं गोपीनाथपुर, कापासारा, दहीबाड़ी. उन्होंने कहा कि इन तीनों कोलियरी में घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और ये तीनों बंद हैं. बंद कोलियरी में चाल धंसने से 10 मजदूरों की मौत हुई है. 20 लोग घायल हैं.
दीपक प्रकाश ने कहा कि कोल कंपनियां ईसीएल, BCCL समेत कुछ अन्य कंपनियों ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी है लेकिन राज्य सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है. CISF जिनको पकड़ती है उन पर FIR दर्ज करने को कहा जाता है तो पुलिस FIR दर्ज नहीं करती है.
उन्होंने कहा कि बंगाल और झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में जो कोल माइनिंग सेक्टर हैं, जहां माइंस होता है. वहां पर सबसे ज्यादा कोयले का अवैध खनन हो रहा है. कोयले का जो अवैध खनन हो रहा है इसमें झारखंड सरकार और बंगाल सरकार के बीच अवैध संबंध है जिसके कारण कोयले की तस्करी बढ़ रही है. मेरी मांग है कि केंद्र सरकार SIT गठित कर जांच कराए.
बता दें झारखंड के धनबाद में अवैध कोयला उत्खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. अवैध उत्खनन के दौरान लोगों की मौत हो जा रही है. बंद कोयला खदान में लोग कोयला उत्खनन करने पहुंते थे. मलबा गिरने, चाल धंसने से लोगों की मौत हो जा रही है.
शून्यकाल में लोक महत्व के मुद्दे उठाने वाले सांसदों में राजद के राज्य सभा सांसद मनोज झा भी शामिल रहे. राज्य सभा में मनोज झा ने कहा कि कोरोना के कारण जितने भी कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑनलाइन मोड में चल रहे हैं. उनको तुरंत ऑफलाइन मोड में लाया जाए. स्कूलों में भी यह लागू हो. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से छात्रों को काफी परेशानी हुई है.
मनोज झा ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से छात्रों को जो क्षति हुई है उसकी भरपाई नहीं की जा सकती. यह शिक्षा, असमानता की खाई को बढ़ा रहा है. गरीब छात्रों को डिजिटल पढ़ाई करने में दिक्कत हो रही है. इंटरनेट उनको महंगा पड़ रहा है. मैं खुद शिक्षक हूं. महसूस कर रहा हूं की हासिये पर जो वर्ग है उनको किस तरह परेशानी हो रही है.
उन्होंने कहा कि जब मैं ऑनलाइन क्लास लेता हूं तो देखता हूं कि कई छात्र वीडियो बंद करके बैठे रहते हैं. शिक्षा इंटरैक्टिव नहीं होती है. नॉलेज प्रोडक्शन, नॉलेज शेयरिंग के रास्ते में यह सबसे बड़ी बाधा है. एक शिक्षक के तौर पर यह सब मेरा अनुभव है जो मैं साझा कर रहा हूं. छात्रों को ऑनलाइन क्लासेस के कारण कितना नुकसान हो रहा है मैं समझ रहा हूं.
मनोज झा ने राज्य सभा में मांग की कि सभी विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूलों को तुरंत खोला जाए और क्लासरूम में बैठाकर पढ़ाई की शुरुआत की जाए. जो पहले होता था. इस पर जितना जल्दी काम होगा छात्रों के भविष्य के हित के लिए उतना अच्छा रहेगा.
कोरोना महामारी से प्रभावित वरिष्ठ नागरिकों की स्थिति दयनीय
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जॉन ब्रिटस ने वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा का मुद्दा उठाया और सरकार पर उन्हें मिलने वाली सुविधाओं में कटौती करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम कर चुके लोगों की एक बड़ी तादाद है जो आज वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आते हैं और इनके पास आय के स्रोत का कोई नियमित साधन नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने उनकी स्थिति को और दयनीय बना दिया है.
गरीबों के हित वाली योजनाओं का बजट बढ़ाए सरकार
उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय इंदिरा गांधी वृद्धवास्था पेंशन योजना में सरकार का अंशदान बहुत कम है. भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम, जो दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सस्ती कीमत पर अत्याधुनिक सहायक उपकरण उपलब्ध कराता है. इससे वरिष्ठ नागरिकों को बहुत सहायता मिल जाया करती थी लेकिन इस साल इसका बजटीय आवंटन घटा दिया गया है. मनरेगा और स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट को भी कम किया गया है.' माकपा सांसद जॉन ब्रिटस ने केंद्र सरकार को गरीब विरोधी करार दिया और मांग की कि उसे अपना घमंड पीछे रखकर वरिष्ठ नागरिकों और गरीबों के हित वाली योजनाओं का बजट बढ़ाना चाहिए.
जनजातीय इलाकों में कोरोना टीकाकरण तेज करने की जरूरत
मनोनीत सदस्य नरेंद्र जाधव ने जनजातीय बहुल इलाकों में कोविड-19 रोधी टीकाकरण में तेजी लाने की मांग की. उन्होंने इस मामले में मणिपुर को फिसड्डी राज्यों में एक बताया और कहा कि वहां की 40 प्रतिशत जनजातीय आबादी है लेकिन अभी तक उनमें से सिर्फ 56 प्रतिशत को ही पहली खुराक दी गई है जबकि 43 प्रतिशत को दोनों खुराक दी गई है. उन्होंने कहा कि कमोबेश यही स्थिति नगालैंड की है. जाधव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से जनजातीय बहुल इलाकों में टीकाकरण अभियान में तेजी लाने की मांग की.