नई दिल्ली : राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा (motion of thanks on address of president kovind) की गई. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव गीता उर्फ चंद्रप्रभा (rajya sabha geeta alias chandraprabha) ने पेश किया. उन्होंने चर्चा की शुरुआत करते हुए सरकार की कई उपलब्धियां गिनाईं.
उत्तर प्रदेश से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुईं चंद्रप्रभा ने सरकार को महिला अपराध के प्रति संवेदनशील करार दिया. उन्होंने कहा कि सुदृढ़ कानून व्यवस्था के कारण देश और उत्तर प्रदेश में बहन-बेटियां सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए यूपी सरकार कटिबद्ध है. थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाए गए हैं.
उत्तर प्रदेश से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुईं चंद्रप्रभा का बयान चंद्रप्रभा के बाद पंजाब से निर्वाचित भाजपा सांसद श्वेत मलिक (rajya sabha shwait malik bjp) ने अपने विचार रखे. उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों की गलतियों का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी की अगुवाई में देश विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है.
राज्य सभा में भाजपा सांसद श्वेत मलिक का बयान राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया. उन्होंने अपने वक्तव्य की शुरुआत में कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भाजपा सांसदों के वक्तव्य में चुनावी भाषण की झलक दिखी. उन्होंने एक शेर भी उद्धृत किया. खड़गे ने कहा, 'लश्कर भी तुम्हारा है, सरदार तुम्हारा है; तुम झूठ को सच लिख दो, अखबार तुम्हारा है.'
खड़गे ने बेरोजगारी के मुद्दे का समाधान नहीं करने के लिए भी केंद्र पर निशाना साधा. राज्य सभा की कार्यवाही के तीसरे दिन कांग्रेस सांसद खड़गे ने कहा, देश में बेरोजगारी व्याप्त है. युवा संकट में हैं. बड़े कारखाने बंद हो रहे हैं, निवेश नहीं आ रहा है और सरकारी नौकरियों की संख्या घट रही है.
उन्होंने कहा, 2014 में, आपने (भाजपा) हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था। आपको अब तक 15 करोड़ नौकरियां देनी चाहिए थीं, लेकिन आपने वास्तव में कितनी नौकरियां प्रदान कीं? इस साल के बजट में अगले पांच वर्षों में सिर्फ 60 लाख नौकरियों का वादा किया गया है.
राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान खड़गे ने कहा, केंद्र सरकार में नौ लाख पद खाली हैं. रेलवे में करीब 15 फीसदी पद, रक्षा में 40 फीसदी और गृह मामलों में 12 फीसदी पद खाली हैं. आज शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर 9 फीसदी जबकि ग्रामीण इलाकों में 7.2 प्रतिशत बेरोजगारी है.
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट 2022 के भाषण में कहा था, आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए 14 क्षेत्रों में उत्पादकता से जुड़े प्रोत्साहन को उत्कृष्ट प्रतिक्रिया मिली है. इसमें 60 लाख नई नौकरियां और अगले 5 वर्षों के दौरान 30 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त उत्पादन की क्षमता है.
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद का समर्थन करने की बात कही. उन्होंने कहा कि वे संसदीय परंपरा के कारण ऐसा करेंगे, लेकिन उन्हें कहने में कोई संकोच नहीं है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कई अहम मुद्दों को संबोधित नहीं किया. उन्होंने कहा कि यह सभी जानते हैं कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद जो वक्तव्य राष्ट्रपति को दिया जाता है, वे उसी को संयुक्त सत्र में पढ़ते हैं. ऐसे में सरकार को कई अहम मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए.
सपा सांसद राम गोपाल वर्मा का बयान तृणमूल सांसद का बयान
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेन्दु शेखर रॉय ने कहा कि राष्ट्रपति के वक्तव्य के बाद उनके दिमाग में तत्काल जो सबसे पहली प्रतिक्रिया आई, वह ऐसे थी जैसे खुद को प्रोमोट करने की कोशिश की जा रही हो. उन्होंने कहा कि भाषण को सुनने के बाद उन्हें साहिर लुधियानवी की एक गजल याद आ गई. साहिर को उद्धृत करते हुए सुखेन्दु शेखर रॉय ने कहा महेंद्र कपूर के गाए इस गजल के बोल हैं, 'ये राह कहां तक है, ये राज कोई राही, कोई समझा है न जाना है, इतना ही फसाना है.'
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सुखेन्दु शेखर रॉय का बयान श्वेत पत्र लाने की चुनौती
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के बयान का जिक्र कर सुखेन्दु शेखर रॉय ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों के सामने सच बोलना नागरिकों का कर्तव्य है. काले धन के मुद्दे का जिक्र करते हुए पनामा पेपर और पैंडोरा पेपर जेसे प्रकरण पर श्वेत पत्र लाने की चुनौती भी दी. उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल में श्वेत पत्र लाया गया था. अगर सरकार में साहस है तो उन्हें काले धन पर श्वेत पत्र लाना चाहिए.
राष्ट्रपति का संबोधन
गौरतलब है कि गत 31 जनवरी को संसद के बजट सत्र (parliament budget session) की शुरुआत के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था. उन्होंने आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र सरकार की ओर से हासिल की गईं उपलब्धियां बताईं. उनके अभिभाषण में उन्होंने कोरोना काल में हो रहे वैक्सीनेशन, प्रधानमंत्री अन्न कल्याण गरीब योजना, प्रधानमंत्री कृषि योजना समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की.
यह भी पढ़ें-संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण, वैक्सीनेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए सरकार को सराहा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है. भारत सबसे अधिक वैक्सीन देने वालों देश में शामिल हो गया है. हर घर दस्तक अभियान से वैक्सीनेशन अभियान में तेजी आई है. कोरोना वैक्सीन से देश को कोरोना कवच मिला. उन्होंने कहा कि तात्कालिक चुनौतियों के लिए सीमित नहीं है, दूरगामी उद्देश्य को पूरा करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं. देश में स्वास्थ्य सेवाएं जनसाधारण तक पहुंच रही हैं.