नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में लगातार तीसरे दिन बुधवार को लोकसभा में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान पर और विपक्षी सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग को लेकर भारी हंगामा किया. सदस्यों के शोर-शराबे के कारण निचले सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजकर करीब 12 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सदन के सदस्य राहुल गांधी ने विदेश में लोकसभा अध्यक्ष पर आक्षेप किया है और संसद का अपमान किया. मंत्री ने कहा कि उन्होंने (राहुल गांधी ने) दूसरे देशों से हस्तक्षेप करने को कहा, यह घोर अपमान है. जोशी ने कहा कि उन्हें (राहुल गांधी को) माफी मांगनी चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री ने सदन में तख्तियां दिखने वाले विपक्षी सदस्यों के खिलाफ भी आसन से कार्रवाई करने की मांग की.
एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सदस्यों का हंगामा जारी रहा. कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे पर जेपीसी जांच की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. कुछ विपक्षी सदस्यों के हाथों में तख्तियां भी थीं. वहीं, सत्तापक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर विदेश में राहुल गांधी के भारतीय लोकतंत्र को लेकर दिए गए बयान पर उनसे माफी की मांग करने लगे.
हंगामे के बीच ही, पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने सभा के पटल पर आवश्यक कागजात रखवाए. इस दौरान रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने अंतर सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण एवं अनुशासन) विधेयक, 2023 पेश किया. पीठासीन सभापति महताब ने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सदन विधायी कार्य करने का स्थान है और सदन चलाने की जवाबदेही केवल आसन की ही नहीं, बल्कि यह सभी सदस्यों का दायित्व है. महताब ने सदस्यों से सदन में तख्तियां दिखाने से भी मना किया.
पीठासीन सभापति महताब के आग्रह के बावजूद सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा. व्यवस्था बनता नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजकर करीब 12 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले, सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया. लेकिन सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र को लेकर लंदन में दिए गए बयान पर और विपक्षी सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया.