नई दिल्ली : भारत के लोकतंत्र के बारे में राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान और अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग को लेकर सत्ता पक्ष और कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य मंगलवार को भी अड़े रहे. सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर शराबे के कारण निचले सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न 2 बजकर 25 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. एक बार के स्थगन के बाद निचले सदन की कार्यवाही दो बजे शुरू होने पर पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने आवश्यक कागजात सभापटल पर रखवाये. निचले सदन में शोर-शराबे के बीच जम्मू कश्मीर के बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के बजट पर चर्चा होने जा रही है, ऐसे में क्षेत्र के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए विपक्ष के सदस्यों को अपने स्थान पर बैठना चाहिए.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश इस बजट में केंद्र शासित प्रदेश के हर वर्ग और हर क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखा गया है और 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है. हंगामे के बीच ही सदन ने वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सामान्य बजट और संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी. सदन ने वर्ष 2022-23 की अनुदान की अनुपूरक मांग के दूसरे बैच एवं संबंधित विनियोग विधेयक को भी मंजूरी प्रदान कर दी. इस दौरान सदन में हंगामा जारी था और पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने सदस्यों से शांत रहने और सदन की कार्यवही चलने देने की अपील की . व्यवस्था बनते नहीं देख राजेन्द्र अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही अपराह्न 2 बजकर 25 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी.