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संसद ने राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग संशोधन विधेयक को मंजूरी दी

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Published : Aug 11, 2021, 9:19 PM IST

राज्यसभा ने कांग्रेस सहित विपक्ष के कई दलों के सदस्यों की अनुपस्थिति में बुधवार को राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी.

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नई दिल्ली :राज्यसभा में राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी गई. उच्च सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी. लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है. चर्चा के दौरान सदस्यों ने होम्योपैथी को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत पर बल दिया.

आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि यह विधेयक देश में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इससे होम्योपैथी की पढ़ाई में पारदर्शिता और जवाबदेही तय हो सकेगी.

इस विधेयक के माध्यम से राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग अधिनियम 2020 की धारा 58 में एक उपधारा अंत:स्थापित कर संशोधन का प्रस्ताव किया गया है. विधेयक को चर्चा के लिए पेश किए जाने के समय विपक्ष के ज्यादातर सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सदन से वाकआउट किया.

इस विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम 1973 (निरसन अधिनियम) का संशोधन होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन अधिनियम 2018 (2018 का 23) द्वारा किया गया.

इसके तहत होम्योपैथी केंद्रीय परिषद को अधिकार में लेने और निरस्त किए गए अधिनियम के अधीन एक वर्ष की अवधि के भीतर केंद्रीय परिषद का पुनर्गठन नहीं होने तक केंद्रीय परिषद की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए शासी बोर्ड गठित करने के वास्ते केंद्र सरकार को सशक्त करने के लिये संशोधन किया गया. विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि चूंकि शासी बोर्ड शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए निरीक्षण करने की प्रक्रिया में था, इसके कार्यकाल का अंत 17 मई 2021 को हो रहा था तथा परिषद के पुनर्गठन की अवधि तीन वर्ष से चार वर्ष करना जरूरी था.

इसके लिए 16 मई 2021 को अध्यादेश लाया गया. इसके साथ ही उच्च सदन ने ज्यादातर विपक्षी सदस्यों की गैर-अनुपस्थिति में राष्ट्रीय भारतीय आयुर्विज्ञान प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक 2021 को संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी. इसके तहत राष्ट्रीय भारतीय आयुर्विज्ञान प्रणाली आयोग अधिनियम 2020 की धारा 58 में एक नई उपधारा (5) अंत:स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है.

यह भी पढ़ें-ओबीसी सूची : 127वां संविधान संशोधन विधेयक राज्य सभा से भी पारित

यह विधेयक भी लोकसभा से पारित हो चुका है. आयुष मंत्री सोनोवाल ने कहा कि देश में आयुष उत्पादों की अहम भूमिका है और उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि परंपरागत दवाइयों और परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों की समाज में स्वीकार्यता बढ़ रही है. सोनोवाल ने कहा कि विश्व स्तर पर योग को भी बढ़ावा मिला है. उन्होंने कहा कि देश की नई पीढ़ी भी इस ओर आकर्षित हो रही है.

(पीटीआई-भाषा)

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