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ऑनलाइन खरीदे गए खिलौनों के संभावित खतरे, माता-पिता को होना चाहिए सतर्क

ऑनलाइन खरीदे जाने वाले खिलौने बच्चों के लिए घातक साबित हो सकते हैं. ऐसे ही खिलौनों को बच्चे निगल जाते हैं और उनकी जान खतरे में पड़ जाती है. इस खतरे से अब माता-पिता भी सावधान हो चुके हैं.

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Published : Oct 10, 2021, 4:49 PM IST

लंदन :दो साल की रेबेका अब मुस्कुरा रही है और अपने पसंदीदा खिलौनों के साथ खेल रही है. लेकिन इस साल की शुरुआत में एक खिलौने ने लगभग उसकी जान ले ली थी. जब उसने मिठाइयों समझकर कुछ चुम्बकों को निगल लिया था.

दरअसल, ईबे पर मैग्नेट को तीसरे पक्ष के माध्यम से खरीदा गया था. वे इतने मजबूत थे कि उन्होंने उसकी आंतें तोड़ दीं. यह उनकी मां सैम मैकार्थी के लिए एक भयानक समय था. वह कहती है कि वह विनम्र थी, लेकिन वह जैसी हो गई थी, कोई मां बर्दाश्त नहीं करेगी. जब वे उसे सुलाते थे तो मुझे शारीरिक रूप से उसे पकड़ना पड़ता था.

बेतरतीब ढंग से चुने गए खिलौनों के एक सर्वेक्षण में ऑनलाइन मार्केटप्लेस में संभावित घातक वस्तुओं की बाढ़ आ गई है. ब्रिटिश टॉय एंड हॉबी एसोसिएशन द्वारा जांचे गए अस्सी प्रतिशत आइटम यूके के सुरक्षा कानून के तहत अवैध थे. 48 प्रतिशत असुरक्षित थे जो घुटन या रासायनिक विषाक्तता का कारण बन सकते थे. उत्पादों की सुरक्षा की जांच करने के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस के लिए वर्तमान में कोई कानूनी आवश्यकता नहीं है.

ब्रिटिश टॉय एंड हॉबी एसोसिएशन के अनुपालन के प्रमुख जेरेमी बर्नी का कहना है कि माता-पिता को सावधान होना चाहिए. उन्होंने एक खिलौना दिखाते हुए कहा कि यह एक मगरमच्छ है, जो हमारी परियोजना के पूरे तीन वर्षों से बिक्री पर है.

हम इसे हर बार बाजारों का परीक्षण करते समय खरीदते हैं. इसमें स्टफिंग तक पहुंच के साथ एक खुली जिप है और वास्तव में दूर हो जाता है और एक छोटा सा हिस्सा बन जाता है. यह छोटे बच्चों के लिए एक खतरनाक खतरा हो सकता है.

बर्नी कहते हैं कि यदि आप तीसरे पक्ष के विक्रेताओं से जेनेरिक खिलौने खरीद रहे हैं जिन्हें आप वास्तव में नहीं जानते हैं और आप उनका पता और उनके नाम नहीं देख सकते हैं, तो उनके पास कोई ईयू या यूके पता नहीं है तो यह उच्चतम जोखिम क्षेत्र है. ईबे का कहना है कि यह मानक अधिकारियों के साथ मिलकर काम करता है और इसमें ऐसे फिल्टर हैं जो लाखों असुरक्षित लिस्टिंग को रोकते हैं.

लेकिन व्यापार निकाय और उपभोक्ता समूह चाहते हैं कि कानून सख्त हों. कंज्यूमर ग्रुप की नीना भाटी कहती हैं कि ऐसा कोई नहीं है जो इस बात की जांच कर रहा है कि थर्ड पार्टी वेंडर वास्तव में सुरक्षा जांच कर रहे हैं.

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हमारा मानना ​​है कि ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर अब कानूनी जिम्मेदारी होनी चाहिए. कई माता-पिता अपनी क्रिसमस की खरीदारी करने के लिए ऑनलाइन जाते हैं. हम परिवारों से सतर्कता का आग्रह करते हैं ताकि एक सपने का उपहार कहीं दुःस्वप्न में न बदल जाए.

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