वलसाड : कोविड-19 महामारी के समय में, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पुलिसकर्मी, स्वच्छता कार्यकर्ता और यहां तक कि श्मशान में काम करने वाले जैसे लोग कोरोना योद्धा की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. यहां गौरव पटेल ऐसे ही एक कोरोना योद्धा हैं, जिन्होंने वलसाड के पारदी वैकुंठधाम श्मशान में अपने कर्तव्य को सबसे आगे रखा.
उन्होंने अपनी सगाई की रस्म के दौरान पहने कपड़ों में ही अपनी ड्यूटी पर पहुंचे. सगाई की रस्म के दौरान एक दूल्हे को घर से बाहर नहीं जाने दिया जाता है. हालांकि ऐसे धार्मिक रीति रिवाजों को टालना मुश्किल होता है लेकिन वलसाड जिले के पारदी में श्मशान का संचालन करने वाले गौरव ने शव का अंतिम संस्कार करने के लिए अपने स्वयं की सगाई समारोह के आयोजन को छोड़ दिया.
वे श्मशान पहुंचे और शवों का अंतिम संस्कार किया. दरअसल, 26 अप्रैल को पारदी में तीन शवों को श्मशान में लाया गया था. श्मशान के गैस से भरे ओवन में कुछ गड़बड़ी थी जिसके कारण प्रबंधक ने मदद के लिए गौरव को संकोचवश बुलाया क्योंकि वह दिन में व्यस्त था और छुट्टी पर था. गौरव ने अनुरोध स्वीकार किया और तुरंत श्मशान की ओर रवाना हो गए.