नई दिल्ली : केंद्र सरकार ओडिशा में पारादीप बंदरगाह को एक विश्व स्तरीय बंदरगाह के रूप में विकसित करने की तैयारी में है. जिसमें 3,004.63 करोड़ रुपये की लागत आएगी. उसके बाद बड़े जहाजों को संभालने की क्षमता विकसित की जाएगी. बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय का लक्ष्य निवेश योग्य परियोजनाओं की एक दीर्घकालिक रणनीतिक बुनियादी ढांचा विकसित करना है. उन्हीं लक्ष्यों में से एक पारादीप बंदरगाह विकास की परियोजना है जो बंदरगाह को एक विश्व स्तरीय आधुनिक बंदरगाह में विकसति करेगी. जिससे कैपसाइज पोत को संभालने की क्षमता विकसित होगी. मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह फैसला भविष्य के दृष्टिकोण से लिया गया है क्योंकि पीएम मोदी पूर्वी राज्यों के विकास पर जोर दे रहे हैं.
इस परियोजना में पारादीप पोर्ट पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड के तहत बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) के आधार पर पश्चिमी डॉक के विकास सहित आंतरिक बंदरगाह सुविधाओं का गहनता और अनुकूलन शामिल है. परियोजना की अनुमानित लागत 3,004.63 करोड़ रुपये है. इसमें बीओटी मोड पर नए वेस्टर्न डॉक का विकास और चयनित रियायतग्राही द्वारा क्रमश: 2,040 करोड़ रुपये और 352.13 करोड़ रुपये की पूंजी ड्रेजिंग शामिल है. परियोजना अवसंरचना में पारादीप पोर्ट का निवेश कॉमन सपोर्टिंग प्रदान करने के लिए 612.50 करोड़ रुपये का होगा.
केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि परियोजना की सफलता पारादीप बंदरगाह के मेगा पोर्ट बनने की दिशा में एक मील का पत्थर है. यह पूर्वी राज्यों के विकास के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है. यह परियोजना केप आकार के जहाजों को संभालने के लिए बंदरगाह की क्षमता को बढ़ाएगी, 25 एमएमटीपीए के बंदरगाह की क्षमता में योगदान देगी और इसके अलावा बंदरगाह दक्षता में सुधार होगा, बेहतर कार्गो हैंडलिंग, व्यापार में वृद्धि होगी और सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ रोजगार सृजन भी होगा.