नई दिल्ली : खुफिया एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि कनाडा स्थित खालिस्तान समर्थक आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) ने युवाओं को अलगाववादी आंदोलन में शामिल होने के लिए उकसाया. यहां तक कि उसने युवाओं को पंजाब में मुक्ति समर्थक नारे वाले उत्तेजक पोस्टर चिपकाने के लिए भी मना लिया.
पन्नू विदेश में एक 'लॉ फर्म' भी चलाता है. पन्नू की लॉ फर्म को 'पन्नू लॉ फर्म' के नाम से जाना जाता है. इसके दफ्तर न्यूयॉर्क (एस्टोरिया बुलेवार्ड, क्वींस) और कैलिफोर्निया (लिबर्टी स्ट्रीट, फ्रेमोंट) में हैं.
हालांकि, विडंबना यह है कि उस पर भारत में नफरत फैलाने और देश में कानून व्यवस्था की समस्याएं पैदा करने का आरोप लगाया गया है. 6 जुलाई 2017 को सोहना, एसएएस नगर में पन्नू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
इस मामले में कई युवकों को गिरफ्तार किया गया था. खुफिया रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि पन्नू के निर्देश पर, गिरफ्तार युवक अलगाववादी आंदोलन को बढ़ावा देने और पंजाब में मुक्ति समर्थक नारों के साथ उत्तेजक पोस्टर लगाने में भी शामिल थे.
20 दिसंबर 1990 को पन्नू के खिलाफ टाडा एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया था. 2 अप्रैल 2018 को पन्नू के खिलाफ एसबीएस नगर के थाना सदर बंगा में एक और मामला दर्ज किया गया था.
पन्नू पर सिख युवाओं को शराब की दुकानें जलाने और अन्य विनाशकारी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था. एक महीने बाद 31 मई 2018 को बटाला के रंगार नांगल में एक और एफआईआर दर्ज की गई.