देहरादूनः राजधानी देहरादून में स्मार्ट सिटी के काम यूं तो पहले ही विवादों में रहते हैं, लेकिन अब इस प्रोजेक्ट पर भगवा रंग से जुड़ा एक नया विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, राजधानी का सबसे पुराना पलटन बाजार अब भगवा रंग से रंगने वाला है. केंद्र की महत्वकांशी योजना के नाम पर इस खास रंग को विशेष पहचान से जोड़कर विवाद की वजह बनाया गया है.
राजधानी देहरादून को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के जरिए व्यवस्थित बनाने की कोशिश की जा रही है. इसमें दून का सबसे पुराना और बड़ा पलटन बाजार भी शामिल है, जहां हर दिन सैकड़ों लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए पहुंचते हैं. यूं तो अब तक यह परियोजना काम की सुस्त गति को लेकर दून वासियों के लिए नासूर बनी रही है, लेकिन अब प्रोजेक्ट पर नया विवाद सिर उठाने लगा है.
दरअसल, यह नया विवाद पलटन बाजार को उस खास रंग रूप देने से जुड़ा है. जिसमें व्यापारियों की दुकानों पर लगने वाले छज्जे और नेम प्लेट को भगवा किया जाएगा. हाल ही में व्यापारियों के साथ नगर निगम की बातचीत के दौरान यह निर्णय लिया गया था कि दुकानों के आगे नेम प्लेट को ऑरेंज कलर दिया जाएगा. जिस पर सफेद रंग से व्यापारी का नाम दर्ज होगा. यही नहीं, हर दुकान के ऊपर छज्जा भी इसी ऑरेंज कलर से रंगा जाएगा. जाहिर है ऑरेंज कलर का नाम आते ही एक खास शब्द भगवा का भी जिक्र होने लगा है.
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विस सत्र में रौनक बरकरार रखने वाले नेताओं की खली कमी, कांग्रेस ने सरकार को घेरने में कसर नहीं छोड़ी कांग्रेस का आरोपः कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा अब बाजारों को भी भगवा करने की साजिश रच रही है. जनता सड़कों के गड्ढों से परेशान है लेकिन भाजपा की सरकार केंद्र की योजना के बहाने बाजारों को भगवाकरण का काम कर रही है.
विवादों में रही स्मार्ट सिटी परियोजनाः गौरतलब है कि देहरादून में पिछले 6 सालों से देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना का काम जारी है. भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री, विधायक और मेयर अपनी ही सरकार पर स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर सवाल उठा चुके हैं. अब ऐसे में जब स्मार्ट सिटी की गुणवत्ता और सुस्त काम की रफ्तार पर सवाल उठ रहे हैं तो उसी स्मार्ट सिटी परियोजना में दुकानों के साइन बोर्ड और शेड का कलर भगवा किया जा रहा है.
सर्वसम्मति से निर्णयः वहीं, कांग्रेस ने बाजार को भगवा रंग करने का विरोध किया है. हालांकि, नगर निगम में भाजपा का बोर्ड है और इसमें भाजपा के ही मेयर सुनील उनियाल गामा यहां काबिज है. लिहाजा ऐसे में भगवाकरण को लेकर कांग्रेस का सवाल उठाना लाजिमी है. उधर नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा कहते हैं कि भगवा कलर करने का यह निर्णय व्यापारियों और सभी अधिकारियों के साथ बैठकर लिया गया है. सभी ने सर्वसम्मति से इसी रंग को लेकर सहमति जताई है.
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विभागीय मंत्री को जानकारी नहींः स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सुस्त गति को लेकर अब तक अधिकारियों को फटकार लगाने वाले और नाराजगी जताने वाले शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल फिलहाल पलटन बाजार में दुकानों के शेड और नेम प्लेट पर लगने वाले ऑरेंज रंग को लेकर अनभिज्ञ हैं. शहरी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से जब पूछा गया कि स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत ऑरेंज कलर यानि भगवा कलर किया जा रहा है तो उस पर उनका जवाब था कि उनको इस बात की कोई जानकारी नहीं है.
वैसे यह पहला मामला नहीं है जब भगवाकरण को लेकर भाजपा सरकार पर आरोप लगे हैं. राज्य सरकार की तरफ से पहले कई ऐसे फैसले लिए गए हैं, जिन पर विवाद हुआ है. बरहाल केंद्र की परियोजना में एक खास रंग को लेकर जिस तरह सवाल खड़े किए गए हैं, उसने परियोजनाओं पर भी राजनीतिक रंग चढ़ा दिया है.