दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने छेड़ा कश्मीर राग, कही ये बातें

मालदीव में पाकिस्तान के उच्चायुक्त (Pakistani High Commissioner) का कहना है कि मुस्लिम उम्मा को कश्मीर मुद्दे का समाधान खोजना चाहिए. यह बयान मालदीव के राष्ट्रपति (President of Maldives) सोलिह के उस बयान के दो दिन बाद आया है, जिसमें राष्ट्रपति ने भारत को धन्यवाद दिया था.

Kashmir
कश्मीर

By

Published : Feb 5, 2022, 4:56 PM IST

नई दिल्ली :मालदीव में पाकिस्तान के उच्चायुक्त (Pakistani High Commissioner) का कहना है कि मुस्लिम उम्मा को कश्मीर मुद्दे का समाधान खोजना चाहिए. राष्ट्रपति सोलिह द्वारा अपने राष्ट्रपति भाषण में भारत को धन्यवाद देने के दो दिन बाद यह टिप्पणी की गई है.

पाकिस्तान के भीतर और बाहर कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के अपने नापाक एजेंडे को जारी रखते हुए पाकिस्तानी राजदूत वाइस एडमिरल अथिर मुहथर ने कहा है कि मुस्लिम उम्मा को कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए काम करना चाहिए. कश्मीर एकजुटता दिवस मनाने के लिए मालदीव में पाकिस्तान के उच्चायोग में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अथिर मुहथर ने भारत के खिलाफ जहरीले बयान दिये. कहा कि वर्तमान में 900000 से अधिक भारतीय सैनिक कश्मीर में सक्रिय हैं और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों को ध्यान देना चाहिए.

वे यह उल्लेख करने में विफल रहे कि यह पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों की धमकी है, जिन्हें आईएसआई द्वारा समर्थन और सहायता प्रदान की जा रही है ताकि इस क्षेत्र में भारत विरोधी भावनाओं को बढ़ावा दिया जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि भारत क्षेत्र की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रहा है और शांति और स्थिरता को नष्ट किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के वीडियो भी दिखाए गए और एक सामान्य प्रार्थना के साथ यह समाप्त किया गया.

यहां यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर एक भी शब्द नहीं बोला गया, जिन्हें 1990 के दशक में उग्रवाद के बाद जबरदस्ती घाटी छोड़नी पड़ी थी. यह दुनिया भर में भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने के लिए पाकिस्तान के संदिग्ध एजेंडे को दर्शाता है लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय जानता है कि यह भारत है, जिसने कभी किसी सैन्य समाधान का समर्थन नहीं किया है. यह पाकिस्तान है जो उपमहाद्वीप में आतंकवादी संगठनों को धन और समर्थन देता है.

यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के नेतृत्व में मालदीव में भारत विरोधी अभियान चल रहा है. जिनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ निकटता कोई रहस्य नहीं है. लेकिन मालदीव में वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार यामीन के नेतृत्व में इन विरोध प्रदर्शनों की बहुत आलोचना कर रही है और एक विधेयक भी लाने वाली है. जिसमें यह कहने वाले कि मालदीव दूसरे देश के राजनीतिक, आर्थिक या सैन्य नियंत्रण में है, उन पर जो 20000 मालदीवी रूफियाह का जुर्माना और छह महीने की कैद या एक साल की नजरबंदी का प्रस्ताव करेगा.

यहां यह ध्यान देने योग्य है कि मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने दो दिन पहले मालदीव संसद के उद्घाटन सत्र में भाषण दिया और देश के विकास में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला. राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान में भारत के केंद्रीय बैंक द्वारा प्रदान की गई क्रेडिट लाइन से शहर में बाढ़ की समस्या को दूर करने के लिए सड़क का काम किया जा रहा है. पिछले साल विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने अपने समकक्ष मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के साथ बैठक के दौरान ग्रेटर माले के निर्माण के लिए $500 मिलियन की बुनियादी ढांचा परियोजना पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की थी. साथ ही कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (जीएमसीपी) मालदीव सरकार ने आधिकारिक तौर पर मुंबई स्थित कंपनी AFCONS के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान ने चीन के साथ CPEC से संबंधित नए समझौते पर हस्ताक्षर किए

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा मालदीव के सकारात्मक पूर्वानुमानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मालदीव 2022 में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा. राष्ट्रपति सोलिह ने अपने संबोधन में कहा कि दिसंबर में उनके देश ने भारत के केंद्रीय बैंक से ली गई $250 मिलियन की स्वैप सुविधा का भुगतान किया. राज्य के रिजर्व के प्रबंधन में मदद के लिए जुलाई 2019 में यह सुविधा ली गई थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details