नई दिल्ली : पाकिस्तान एफएटीएफ की निगरानी वाले देशों की 'ग्रे सूची' में बरकरार रहेगा. वैश्विक धन शोधन और आतंकी वित्त पोषण की निगरानी करने वाली संस्था ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी. वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने कहा कि आतंकी वित्त पोषण तंत्र के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों का जमीनी स्तर पर सत्यापन करने बाद उसे सूची से हटाने के संबंध में आगे कोई फैसला लिया जा सकता है.
एफएटीएफ के निवर्तमान अध्यक्ष मार्कस प्लेयेर ने कहा, 'पाकिस्तान को आज ग्रे सूची से हटाया नहीं जा रहा है. अगर जमीनी स्तर की जांच में इस देश द्वारा उठाए गए कदमों को टिकाऊ पाया जाता है तो इसे सूची से हटा दिया जाएगा.' एफएटीएफ ने कहा कि यह जांच अक्टूबर से पहले की जाएगी. बयान में कहा गया, 'अपने जून 2022 के पूर्ण सत्र में, एफएटीएफ ने पाया कि पाकिस्तान ने अपनी दो कार्य योजनाओं को काफी हद तक पूरा कर लिया है, जिसमें 34 बिंदु शामिल हैं और इस कार्यान्वयन के शुरू होने और जारी रहने को जमीनी स्तर पर सत्यापित करने की आवश्यकता है. साथ ही यह कि भविष्य में कार्यान्वयन और सुधार को बनाए रखने के लिए आवश्यक राजनीतिक प्रतिबद्धता बनी हुई है.'
गौरतलब है कि पाकिस्तान अब तक चीन, तुर्की और मलेशिया जैसे करीबी सहयोगियों की मदद से एफएटीएफ की काली सूची में शामिल होने से बचता आया है. हालांकि, ग्रे सूची में बने रहने के कारण इस्लामाबाद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ से वित्तीय मदद हासिल करना मुश्किल होता जा रहा है, जिससे मुल्क के लिए आर्थिक समस्याएं और बढ़ रही हैं.